खबर फिली – ढलता सूरज, चढ़ती रात और जया-अमिताभ… फिल्म शोले का वो सीन जिसके शूट में लग गए 23 दिन – #iNA @INA

हिंदी सिनेमा में ऑल टाइम क्लासिक फिल्मों की जब-जब बात होगी, एक फिल्म का नाम हमेशा आएगा और वो है ‘शोले’. ‘शोले’ एक ऐसी फिल्म है जिसे केवल एक बार ही बनाया जा सकता है, क्योंकि ‘मैग्नमओपस’ फिल्में केवल एक बार ही बनाए जाती हैं. ‘शोले’ के हर किरदार को आज भी लोगों के दिलों में वही जगह मिली हुई है जो आज से कई साल पहले मिली थी. इस फिल्म के गाने, डायलॉग्स, एक्टिंग, कहानी हर चीज कमाल की है. ‘शोले’ को निर्देशक रमेश सिप्पी ने डायरेक्ट किया था. हाल ही में रमेश सिप्पी ने इस फिल्म को लेकर बात की और फिल्म के एक सीन की कहानी बताई.

निर्देशक रमेश सिप्पी ने अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के बीच फिल्माए गए एक सीन को लेकर दिलचस्प कहानी शेयर की. रमेश सिप्पी ने बताया कि उन्हें दो मिनट के एक खास सीन को शूट करने के लिए 23 दिन लग गए थे.

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहुंचे रमेश सिप्पी

गोवा में हुए भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में एक मास्टरक्लास के दौरान रमेश सिप्पी ने ‘शोले’ के सीन को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि शोले में अमिताभ और जया के बीच फिल्माए गए एक सीन को शूट करने के लिए 23 दिन लग गए थे. दरअसल, फिल्म में अमिताभ के केरेक्टर जय और जया के केरेक्टर राधा के बीच एक अनकहा रिश्ता था. उनके बीच पहली नजर से ही एक ऐसा रिश्ता बन जाता है जिसका कोई नाम नहीं और इसी रिश्ते को फिल्म में सही तरीके से दर्शाना था.

‘शोले’ का वो सीन जिसने प्यार के मायने बदल दिए

फिल्म में जय आउटहाउस के बाहर बैठकर माउथऑर्गन बजाता है और राधा हवेली में जलते दिए बुझा रही है. दोनों एक दूसरे को देख रहे हैं, आंखों ही आंखों में बातें हो रही हैं. कोई ऐसी चीज है जो जय को राधा की तरफ खींचती है. लेकिन ना जय कदम बढ़ा सकता है और ना ही राधा, क्योंकि राधा एक विधवा है. इस सीन को ऐसे वक्त पर शूट किया गया है जब सूरज पूरी तरह ढला नहीं और रात अभी चढ़ी नहीं. ये एक काफी मेटाफोरिकल सीन है जहां रात और सूरज को राधा के जीवन से कम्पेयर किया है. राधा के जीवन में भी रात है जो ढलने की कगार पर है क्योंकि जय की मोहब्बत का सूरज उसकी जिंदगी को रोशन कर सकता है. लेकिन राधा का दिल दोनों के बीच कहीं फंसा है और वो ना चाहते हुए भी अपनी जिंदगी में हल्की सी उस रोशनी को खुद बुझा रही है जो उसे दिखाई दे रही है.

कैमरामैन के पास थे केवल दो मिनट

रमेश सिप्पी ने बताया कि वो चाहते थे कि ये सीन इसी वक्त के बीच शूट किया जाए. इस सीन के लिए ये वक्त काफी अहम था ऐसे में क्रू के पास कुछ ही समय था इस सीन को शूट करने के लिए. इस सीन को शूट करने के लिए कैमरामैन के पास केवल दो मिनट थे. ऐसे में उन्होंने सुबह और दोपहर में बाकी सीन फिल्माए और फिर शाम को खास शॉट के लिए सेट किया. रमेश ने बताया कि इसे सही ढंग से शूट करने के लिए उन्हें कम से कम 23 दिन लग गए, लेकिन जो बाहर निकल कर आया उसने दर्शकों को जय-राधा के प्यार के बारे में सबकुछ समझा दिया.

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