खबर फिली – बॉबी देओल को साउथ फिल्मों में विलेन बनाने की क्यों मची है होड़, अब तक मिल चुकी हैं 4 बड़ी फिल्में – #iNA @INA

बॉबी देओल इस वक्त सबके लिए विलेन के तौर पर पहली पसंद बने हुए हैं. उन्हें मेकर्स अपनी फिल्म में लेना चाहते हैं. इस समय उनके पास पांच बड़ी फिल्में हैं, जिनमें वो विलेन बनेंगे. इनमें से एक फिल्म YRF Spy Universe की Alpha है. वो इसमें आलिया भट्ट का काम मुश्किल करते नजर आएंगे. बाकी की चार फिल्में साउथ की हैं. इन सभी में वो विलेन के रोल में ही हैं.

आखिर बॉबी देओल में ऐसा क्या है कि उन्हें साउथ के मेकर्स अपनी फिल्म में बतौर विलेन लेना चाहते हैं. पहले देख लेते हैं, वो चार फिल्में कौन- सी हैं, फिर एक-एक करके उन वजहों पर भी बात करते हैं, जो उन्हें साउथ की पहली पसंद बना रही हैं.

साउथ में बतौर विलेन बॉबी की फिल्में

  1. कंगुवा
  2. NBK109
  3. हरिहर वीरमल्लु
  4. थलपति69

अब बात करते हैं उन कारणों पर, जिन्होंने बॉबी को साउथ मेकर्स के बीच एक हॉट केक बना दिया है.

1. ‘एनिमल’ के बाद विलेन के तौर पर मिली पॉपुलैरिटी

‘एनिमल’ के आने के बाद सभी ने रणबीर कपूर का लोहा माना. कई लोगों ने कहा कि उन्होंने एक्टिंग को नए सिरे से डिफ़ाइन किया है. पर बॉबी देओल ने भी इस फिल्म से सॉलिड कमबैक किया. इस पिक्चर में संदीप रेड्डी वांगा ने उन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया. एक समय आया, जब इस फिल्म से जुड़े लोगों में रणबीर पीछे हो गए और बॉबी देओल इस पिक्चर का झंडा उठाकर आगे चलने लगे. चूंकि ‘एनिमल’ ने साउथ में भी ठीकठाक पॉपुलैरिटी पाई, इस वजह से साउथ में बॉबी को भी एक अलग पहचान मिली. इसलिए भी साउथ के मेकर्स बॉबी को लेकर अपनी पिक्चर हिट कराने की फिराक में हैं.

2. पैन इंडिया फिल्में भी तो बनानी हैं

दरअसल ‘बाहुबली’, ‘पुष्पा’, KGF जैसी फिल्मों के बाद साउथ के मेकर्स को पैन इंडिया फिल्मों का चस्का लग गया है. उन्हें पता है कि हिन्दी पट्टी की ऑडियंस भी उनकी फिल्में पसंद कर रही है. ऐसे में यदि उनकी फिल्मों में कोई बॉलीवुड का जाना-पहचान चेहरा होगा, तो पिक्चर चलने की संभावना बढ़ जाएगी. अब वो बॉलीवुड का कोई बड़ा स्टार किसी साउथ के बड़े स्टार के सामने ले नहीं सकते, इसलिए उन्होंने बॉबी को चुना. उनकी इस समय विलेन वाली इमेज भी है. नॉर्थ की जनता उन्हें देखना भी चाहती है. माने पिक्चर हिन्दी में भी हो गई हिट, इसलिए बॉबी साउथ की फिल्मों में विलेन के तौर पर हो गए फिट.

3. औरों के मुकाबले सस्ता सौदा

जैसा कि अभी ऊपर हमने कहा कि किसी साउथ पिक्चर में किसी बड़े स्टार को काम करने के लिए मनाना टेढ़ी खीर है. क्योंकि वो अच्छा-खासा स्क्रीन स्पेस मांगेगा, चाहेगा कि उसे उसके सामने वाले हीरो से ज्यादा नहीं, पर कम से कम बराबर की तवज्जो दी जाए. इसलिए बॉबी सही चॉइस हैं. वो कम पैसे में भी आ जाते हैं. उदाहरण के लिए Thalapathy69 में ही उनकी फीस ले लीजिए. 1000 करोड़ के बजट में बन रही पिक्चर में उन्हें सिर्फ 5 करोड़ के आसपास पैसे ही मिल रहे हैं. अब ये कोई कैमियो तो है नहीं, इसलिए ये फीस काफी कम है. अगर उनको कम स्क्रीन टाइम भी दिया गया होगा, तब भी ये फीस दूसरे स्टार्स की तुलना में बहुत ही कम है. अगर इनकी जगह शाहरुख-सलमान जैसे लोग होते, तो वो 5 मिनट के रोल के लिए ही 20-25 करोड़ ले लेते. इसलिए बॉबी साउथ मेकर्स के लिए सस्ता सौदा हैं.

4. नए विलेन के खांचे में फिट बैठती बॉबी की इमेज

हाल-फिलहाल में विलेन की जो छवि फिल्मों में बनाई गई है, उसमें बॉबी एकदम सटीक बैठते हैं. एक खूंखार चेहरा, बढ़ी हुई दाढ़ी और तगड़ा फिजीक. ये सब बॉबी के पास भरपूर मात्रा में है. इसलिए उनके पास साउथ की बड़ी फिल्में तो हैं ही, इसके साथ ही बॉलीवुड की बड़ी फिल्म Alpha में भी वो आलिया भट्ट को बतौर विलेन टक्कर देते नजर आएंगे.

5. बॉबी का 90s वाला स्टारडम

इन सबके अलावा सबसे छोटा रीजन है, बॉबी देओल का 90s वाला स्टारडम. भले ही उन्होंने ‘एनिमल’ से कमबैक किया हो. लेकिन इस कमबैक का एक बड़ा कारण है, उनके साथ जुड़ा हुआ नॉस्टैल्जिया. 90 के दशक में जिसे बॉबी ने ‘सोल्जर’ और ‘बिच्छू’ जैसी फिल्मों में देखा है, अपने सितारे को दोबारा से चकमते हुए देखने को बेताब हैं. इसका भी फायदा साउथ के तमाम मेकर्स उठाना चाहते हैं. अगर गेम ऑफ थ्रोन्स वाली भाषा में कहें, तो बॉबी अब सिर्फ लॉर्ड नहीं रहेंगे, किंग बनने वाले हैं.


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