खबर मध्यप्रदेश – ‘एक ईंट नहीं लगेगी…’, कौन हैं कार्तिकेय सिंह चौहान? जिनके बयान से MP में मचा है सियासी घमासान – INA

मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता कार्तिकेय सिंह चौहान के बयान से सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. बुधनी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कार्तिकेय ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में अगर कांग्रेस का प्रत्याशी जीत गया तो यहां एक ईंट नहीं लगेगी. अगर चुनाव हार गए तो फिर हम मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री के पास किस मुंह से जाएंगे. कार्तिकेय इसी बयान के बाद मध्य प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है.

कार्तिकेय सिंह चौहान के बयान के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो, अपने पिता शिवराज सिंह चौहान जी से सीखो. लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर भारत के निर्माण में सहयोग करते हैं. 10 साल तक मैं भी मुख्यमंत्री रहा, लेकिन मैंने कभी भी इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया.

कौन हैं कार्तिकेय सिंह चौहान?

कार्तिकेय सिंह चौहान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे हैं. कार्तिकेय की शिक्षा की बात करें तो वो भोपाल के अलावा, पुणे के सिम्बायोसिस के बाद अमेरिका की पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एलएलएम पूरा किया है यानी वकील भी हैं. इसके अलावा बिजनेस भी करते हैं. बताया जाता है कि विदिशा में उनकी डेयरी भी है. जहां तक राजनीतिक की बात है तो वो उन्हें विरासत में मिली है.

केंद्र में आने से पहले मध्य प्रदेश सरकार की कमान शिवराज सिंह चौहान के ही हाथों में थी. शिवराज सिंह चौहान के केंद्र में मंत्री बन जाने के बाद से कार्तिकेय चौहान मध्य प्रदेश की सियासत में काफी एक्टिव हो गए हैं, फिर चाहे वो पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलना हो या कोई सभा करनी हो. पिता के केंद्रीय मंत्री बन जाने के बाद उनकी कमी को अब कार्तिकेय पूरा करने में जुटे हुए हैं. हालांकि, कार्तिकेय ने अभी तक चुनावी राजनीति में कदम नहीं रखा है.

बुधनी में हो रहे उपचुनाव

शिवराज सिंह चौहान 1990 में पहली बार बुधनी सीट से विधानसभा चुनाव लड़े थे. इसके बाद विदिशा से कई बार सांसद रहे. 2003 के बाद से वो बुधनी विधानसभा सीट से विधायक चुने जाते रहे. इस बार पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान संसदीय चुनाव चुनाव लड़ाया था, जीत हासिल करने के बाद उन्हें बुधनी सीट खाली करनी पड़ी. इसलिए अब बुधनी सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. बुधनी सीट से कार्तिकेय का इसलिए भी लगाव ज्यादा है क्योंकि एक तरह से वो उनके परिवार की सीट हो चुकी थी.

इसी बुधनी में ही कार्तिकेय ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बयान दिया था, जिसेक बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है. कार्तिकेय के बयान पर कांग्रेस नेता उन्हें बार-बार नसीहत दे रहे हैं. कांग्रेस नेता उन्हें पिता शिवराज सिंह चौहान से राजनीति सीखने की बात कह रहे हैं जबकि अभी तक इस पूरे मामले पर बीजेपी चुप्पी साधे हुई है.

दिग्विजय सिंह के बयान पर कार्तिकेय सिंह चौहान ने पलटवार

कार्तिकेय ने कहा कि दिग्विजय सिंह जी वरिष्ठ नेता हैं. दो बार के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे दिग्विजय चाचा जी अगर मुझे फॉलो करते हैं, मेरी स्पीच सुनते है तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. दूसरा ओर जहां कांग्रेस और उनके बयानों का सवाल है तो वो सब लोग डरने डराने की बातें करते हैं. अगर डर किसी को लगता है तो बुधनी की जनता को आपके उन 10 सालों से लगता है जिसमें आपने प्रदेश में विनाश की कगार पर छोड़ दिया था. डर किसी को लगता है तो टूटे गड्ढों वाली सड़कों और मुश्किल से बिजली आने वाली हालातों से लगता है. सीखना तो हम आपसे भी चाहते थे, लेकिन आपके 10 साल के शासन काल में कोई ऐसा काम हुआ नहीं जिससे हम सीख सके.


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