खबर मध्यप्रदेश – गजब का फर्जीवाड़ा! 2 साल में ली BSC-बीएड की डिग्री, फिर 26 साल की टीचर की नौकरी; अब पहुंचा गया जेल – INA

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी करने वाले एक स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य को कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई. आरोपी प्रभारी प्रधानाचार्य के कारनामों की जब पोल खुली तो शिक्षा विभाग के अधिकारी हैरान रह गए. आरोपी ने दो साल के भीतर बीएससी, बीएड और एमए कर डाला था, जबकि इन डिग्रियों को लेने में करीब छह से सात साल का समय लगता है. प्रभारी प्रधानाचार्य इन्हीं डिग्रियों के सहारे 26 साल से नौकरी कर रहा था. अब जब पोल खुली तो सभी हैरान रह गए.

मामला उमरिया जिले के चिल्हारी गांव का है. गांव निवासी अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी ने फर्जी मार्कशीट के सहारे 26 साल पहले नौकरी दे ली थी. इसकी शिकायत पलझा गांव निवासी गोविंद प्रसाद तिवारी ने शिक्षा विभाग को एक प्रार्थना पत्र देकर की थी. अपनी शिकायत में गोविंद प्रसाद तिवारी ने बताया कि अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी की शिक्षा विभाग में वर्ग-1 के पद पर नियुक्ति शहडोल जिले में 1998 में हुई थी. इनकी पहली पोस्टिंग हायर सेकंडरी स्कूल मानपुर में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता पद पर हुई.

26 साल पहले पाई थी नौकरी

1998 में शहडोल से कट कर उमरिया जिला बन गया. अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी को कुछ शंका हुई तो इन्होंने ट्रांसफर अमरपुर हायर सेकंडरी स्कूल करवा लिया, लेकिन इनको वहां भी ठीक नहीं लगा तो ये कटनी जिले के नगर परिषद सिनगौड़ी हायर सेकंडरी स्कूल में ट्रांसफर करा चले गए. वहां पर अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी ने पदोन्नति का भी लाभ लिया और प्रभारी प्राचार्य के प्रभार में आ गए. इसके बाद इन्होंने अपना ट्रांसफर हायर सेकंडरी स्कूल डोकरिया में करवा लिया और वहां प्रभारी प्राचार्य के पद पर विराजमान रहे.

फर्जी डिग्रियों के सहारे की नौकरी

अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी ने वर्ष 1994 में बीएससी की डिग्री झांसी बुंदेलखंड से प्राप्त की. वर्ष 1995 में बीएड की डिग्री बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से प्राप्त की. इतना ही नहीं वर्ष 1996 में अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी ने उस्मानिया हैदराबाद से एमए अर्थशास्त्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर डिग्री ले ली.

2012 में की थी शिकायत, अब आया फैसला

इतनी योग्यता और दो वर्ष में बीएससी, बीएड और एमए की डिग्री देखकर फर्जीवाड़े की शंका होने पर गोविंद प्रसाद तिवारी ने 31 दिसंबर 2012 को उमरिया जिले के कलेक्टर, डीईओ, सीईओ जिला पंचायत को लिखित शिकायत की. जब जिला प्रशासन की जांच में कुछ नहीं हुआ तो गोविंद प्रसाद तिवारी ने आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो भोपाल को पत्र लिखकर जांच की मांग की.

9 साल से कोर्ट में चल रहा था केस

तत्कालीन एसपी उमरिया के पास वहां से पत्र आने पर थाना इंदवार को जांच के लिए निर्देशित किया गया. जांच में अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी की सारी योग्यता और डिग्री फर्जी पाई गई. जिस पर थाना इंदवार के तत्कालीन थाना प्रभारी देव करण डेहरिया द्वारा अखिलेश्वर नाथ पर मुकदमा लिखा गया. 2015 में यह मामला कोर्ट में चला गया और वहीं पर इसकी सुनवाई हो रही थी.

आरोपी प्रभारी प्रधानाचार्य के वेतन की होगी वसूली

अब नौ साल बाद इस मामले में फैसला आया है. जिला अपर सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार चौधरी फर्जीवाड़े को लेकर अखिलेश्वर नाथ को पांच साल की सजा सुनाई. साथ ही तीन हजार रुपए जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की रकम अदा न करने पर छह महीने की सश्रम कारावास की सजा का भी आदेश जारी किया. वहीं अभी तक शासन द्वारा दिए गए वेतन एवं अन्य देयकों की वसूली के भी आदेश दिए गए.

(रिपोर्ट- सुरेंद्र त्रिपाठी/उमरिया)


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