खबर मध्यप्रदेश – मंडप पर बैठे थे दूल्हा-दुल्हन, 7 फेरों से पहले ही पुलिस ने रुकवा दी शादी… बारात लौटी खाली हाथ, ऐसा क्यों? – INA

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मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां खिलचीपुर थानाक्षेत्र के सोमवारीया में एक नाबालिग लड़की का बाल विवाह किया जा रहा था. जैसे ही डीएम को इस बारे में जानकारी मिली तो होश उड़ गए. बिना देर किए कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने यह शादी रुकवाने का निर्देश दिया.

डीएम से मिले निर्देश के बाद पुलिस, महिला बाल विकास अधिकारी सुनीता यादव, वन स्टॉप सेंटर, खिलचीपुर थाना, अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी को विवाह पर स्थल पर पहुंचे. उन्होंने तुरंत यह शादी रुकवाई. फिर दुल्हन बनी नाबालिग लड़की के माता-पिता से बात की. उन्होंने लड़की के दस्तावेज दिखाने को कहा. उन डॉक्यूमेंट्स में दुल्हन नाबालिग पाई गई.

फिर टीम ने नाबालिग लड़की के माता-पिता को समझाया. कहा- बाल-विवाह अपराध है, अगर ऐसा करेंगे तो आप पर कानूनी कार्रवाई होगी. माता-पिता को बताया गया कि आप विवाह 18 वर्ष की होने पर ही करें. वहीं बताया जा रहा है कि घर में दो बहनें हैं और दोनों अभी बालिग नहीं है. माता-पिता इसके बाद दूसरी बेटी की भी शादी करवाने वाले थे.

पुलिस ने बताया- हमें सूचना मिली थी कि खिलचीपुर में एक बाल विवाह करवाया जा रहा है. जब हमारी टीम वहां पहुंची तो दूल्हा-दुल्हन मंडप पर बैठे थे. पंडित मंत्र पढ़ रहे थे. 7 फेरे होने से पहले ही हमारी टीम ने शादी को रुकवा दिया.

सामूहिक विवाह को लेकर किया जागरूक

इसके अलावा दो दिन बाद होने वाले सामूहिक विवाह को लेकर भी पुलिस ने लोगों को जागरूक किया. खिलचीपुर के छोटा मेला ग्राउंड में अहिरवार समाज द्वारा एक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन में लगभग 67 जोड़ों का विवाह किया जाना सुनिश्चित किया गया है. इस संबंध में अध्यक्ष को बुलाया गया और उन्हें भी समझाया गया कि आपके सम्मेलन में एक भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए. यह आपकी जिम्मेदारी है. इसके साथ ही समस्त जोड़ों के आयु संबंधी प्रमाण पत्र अंकसूची या रजिस्टर होने पर ही जोड़े विवाह हेतु पात्र होंगे, अन्यथा आपके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाना निश्चित है.

बाल विवाह मान्य नहीं

साथ ही अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा जारी अनुमति पत्र उपरांत ही सम्मेलन हो सकेगा. अभी भी लगभग 43 जोड़ों के केवल आधार कार्ड है जिन्हें मान्य नहीं किया जा सकता है. दस्तावेजों की जांच की जा रही है. वन स्टॉप सेंटर परामर्शदाता कविता वर्मा द्वारा पंचनामा तैयार किया गया और बताया कि बाल विवाह अपराध है, किसी भी स्थिति में बाल विवाह मान्य नहीं है.


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