खबर मध्यप्रदेश – 1989 बैच के IPS, साढ़े 3 साल में 7 ट्रांसफर… कौन हैं MP के नए DGP कैलाश मकवाना? – INA

आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को मध्य प्रदेश का नया डीजीपी बनाया गया है. मकवाना प्रदेश के 32 वे डीजीपी होंगें. वर्तमान में मकवाना मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन हैं. आदेश के मुताबिक, मकवाना 1 दिसंबर 2024 को प्रदेश के नए पुलिस मुखिया के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं. सुधीर सक्सेना को 4 मार्च 2020 को डीजीपी नियुक्त किया गया था. उनके कार्यकाल के बाद अब मकवाना को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है. कैलाश मकवाना 31 दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे.

कैलाश मकवाना की गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती है. मकवाना 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं. शिवराज सरकार के कार्यकाल में मकवाना लोकायुक्त के डीजी थे. हालांकि, वे छह महीने ही इस पद पर रहे. दरअसल, मकवाना ने लोकायुक्त में डीजी बनते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में तेजी ला दी थी. उन्होंने ठंडे बस्ते में पड़ीं कई लंबित जांचों की फाइल खोली और जांच शुरू की. महाकाल लोक की भी फाइल मकवाना के कार्यकाल में खुली थी.

साढ़े तीन साल में सात बार तबादले

कैलाश मकवाना ने एक दौर वो भी देखा है, जब कम समय में ही इधर से उधर कर दिए जाते थे. कैलाश मकवाना का साढ़े तीन साल में सात बार तबादला हुआ था. कमलनाथ सरकार के दौरान ही वे तीन बार इधर से उधर किए गए थे.

  • 10 फरवरी 2019- एडीजी इंटेलिजेंस
  • 1 अक्टूबर 2019- एडीजी प्रशासन
  • 20 फरवरी 2020- एडीजी नारकोटिक्स
  • 31 मार्च 2020- एडीजी सीआईडी
  • 1 दिसंबर 2021- चेयरमैन मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन
  • 31 मई 2022 – महानिदेशक लोकायुक्त संगठन
  • 2 दिसंबर 2022- चेयरमैन मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लोकायुक्त का बनाया गया था.

मकवाना को वर्ष 2022 में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में महानिदेशक बनाया गया था. इसी दौरान महाकाल लोक कॉरिडोर की जांच तत्कालीन लोकायुक्त के अधीन टेक्निकल सेल ने शुरू कर दी. लेकिन सरकार ने कैलाश मकवाना पर नाराजगी दिखा दी. उन्हें हटाकर मप्र पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में चेयरमैन बना दिया था. तब शिवराज के ओएसडी योगेश चौधरी को एडीजी विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त पदस्थ किया गया था, तब मकवाना की एसीआर (गोपनीय चरित्रावली) कम कर दी गई थी.

उन्होंने अपने एसीआर सुधरवाने के लिए मप्र शासन से 9 महीने पहले अपील की थी. उन्होंने रिप्रेजेंटेशन भेजते हुए सरकार से कहा था कि लोकायुक्त संगठन में डीजी रहने के 6 महीने के दौरान उनकी एसीआर खराब कर दी गई. दुर्भावनापूर्वक खराब की गई एसीआर पर शासन को उचित निर्णय लेना चाहिए, जिसपर मोहन सरकार ने मकवाना की एसीआर को दुरुस्त कर दिया था.

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3 नामों का था पैनल, मकवाना ने मारी बाजी

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से DGP के लिए 9 नाम भेजे गए थे. दिल्ली में बीते गुरुवार को हुई बैठक में 3 नामों का पैनल तैयार किया गया था. इनमें 1988 बैच के आईपीएस कैलाश मकवाना का नाम पहले नंबर पर था. इसके बाद 1988 बैच के आईपीएस और डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार और 1989 बैच के आईपीएस और डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा के नाम शामिल थे.


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