खबर शहर , अमरोहा में हंगामा: ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा की मौत, डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप, अपंजीकृत अस्पताल सील – INA

 अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद शहनाज (35) व उसके बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने ऑपरेशन करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंचे एसडीएम, सीएमओ और नोडल अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल को सील कर दिया।

हालांकि, मामले में समझौता होने के बाद परिजनों ने बिना कानूनी कार्रवाई के शवों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। शहनाज डिडौली कोतवाली क्षेत्र के कालखेड़ा उर्फ कलालखेड़ा के रहने वाले कासिम की पत्नी थी। 13 साल पहले शादी के बाद शहनाज के पास एक बेटा व दो बेटियां हैं।

चौथे बच्चे की डिलीवरी के लिए परिजनों ने सात अक्तूबर को शहनाज को जोया के संभल चौराहा स्थित इकरा हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां मंगलवार शाम ऑपरेशन से शहनाज ने बेटे को जन्म दिया। लेकिन, कुछ देर बाद नवजात की मौत हो गई।

इसके बाद शहनाज की भी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों के मुताबिक मंगलवार देर रात स्टाफ ने शहनाज को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन महिला को हाईवे स्थित एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां उसकी की मौत हो गई।

अस्पताल के डॉक्टरों ने ठीक तरह से ऑपरेशन नहीं होने की बात बताई। यह सुनकर परिजनों का गुस्सा भड़क गया और शहनाज के शव को लेकर उसी अस्पताल में पहुंचे, जहां डिलीवरी कराई गई थी। अस्पताल में शव रखकर परिजन हंगामा करने लगे।

ऑपरेशन करने वाले स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस बीच ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर और हॉस्पिटल संचालक भाग निकला। हंगामा की सूचना पर डिडौली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की।

उधर, जच्चा-बच्चा की मौत की जानकारी मिलने पर एसडीएम सदर सुधीर कुमार, सीएमओ डॉ. एसपी सिंह और नोडल अधिकारी डॉ. शरद कुमार मौके पर पहुंच गए। नोडल अधिकारी ने जांच की तो सामने आया कि इकरा हॉस्पिटल नवीनीकरण नहीं हुआ है।

इस पर नोडल ने एसडीएम और सीएमओ की मौजूदगी में अस्पताल को सील कर दिया। अस्पताल संचालक को नोटिस देकर जवाब मांगा है। सीएमओ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि अस्पताल संचालक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


इसलिए नहीं हुआ था हॉस्पिटल का नवीनीकरण

इकरा हॉस्पिटल 20 अप्रैल 2024 तक के लिए रजिस्टर्ड था। इसके बाद हॉस्पिटल संचालक में नवीनीकरण के लिए आवेदन किया। अस्पताल के पॉल्यूशन की अवधि 19 अक्तूबर 2024 को समाप्त हो रही थी। जबकि, बायो वेस्ट प्रमाणपत्र की अवधि 31 अगस्त 2024 को समाप्त हो गई थी।

फायर की एनओसी नहीं थी। जिसके चलते विभाग की ओर से इसका नवीनीकरण नहीं किया गया था। बावजूद इसके अवैध रूप से हॉस्पिटल में ऑपरेशन से डिलीवरी की जा रही थीं।


चार मरीजों को जिला अस्पताल कराया गया शिफ्ट

नोडल अधिकारी ने बताया कि इकरा हॉस्पिटल में अवैध रूप से सर्जरी कर डिलीवरी कराई जा रही थीं। मरने वाली महिला के अलावा चार और मरीज महिलाएं भर्ती मिलीं। हॉस्पिटल को सील करने से पहले सभी जिला अस्पताल में शिफ्ट कराया गया है। सर्जरी किसके द्वारा की गईं, इस संबंध में हॉस्पिटल के संचालक को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।

 


Credit By Amar Ujala

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