खबर शहर , कमीशन का खेल: हॉस्पिटल और एंबुलेंस संचालकों की मिलीभगत, एसएन से निजी अस्पताल में कराते हैं भर्ती – INA

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज से मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराने का गैंग सक्रिय है। इसमें कुछ निजी अस्पताल संचालक और एंबुलेंस चालकों की मिलीभगत है। ये तीमारदारों को एसएन में अच्छा इलाज नहीं होने की भ्रामक जानकारी देकर मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज कराने की सौदेबाजी करते हैं। पूर्व में भी ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं।

एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी और वार्ड में रोजाना 250 से अधिक मरीज भर्ती होते हैं। एसएन के आसपास 20 से अधिक निजी एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। इनके चालक कॉलेज परिसर में सक्रिय रहकर तीमारदारों से मरीजों के बारे में जानकारी करते हैं। इनको एसएन में अच्छा इलाज नहीं होता, मरीज की जान को क्यों खतरे में डाल रहे हैं… इस तरह की बातें बोलकर डरा देते हैं। परिचय के निजी अस्पताल में सस्ता इलाज की बात कहते हुए मरीजों को यहां से लेकर जाते हैं।

बीते दिनों तीन मामले कॉलेज प्रशासन ने पकड़े थे, जिनमें जांच चल रही है। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि पूर्व में कमीशन के लिए यहां के मरीज निजी अस्पताल में लेकर गए थे, इनकी जांच भी कराई थी, जिसमें आरोप सही पाए गए। एफआईआर भी कराई थी।

20 फीसदी तक है कमीशन, डग्गामार एंबुलेंस हैं सक्रिय

ऑल यूपी एंबुलेंस ऑपरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि सिसौदिया का कहना है कि दूसरे राज्यों की एंबुलेंस सक्रिय हैं। ये अवैध रूप से यहां संचालन कर रहे हैं। इनकी फिटनेस और पंजीकरण भी नहीं है। इनकी कुछ निजी अस्पताल संचालकों से मिलीभगत है, जिनमें करीब 20 फीसदी कमीशन मिलता है। इनके चलते अन्य एंबुलेंस चालक भी बदनाम हो रहे हैं।

यमुनापार में सबसे ज्यादा लेकर गए मरीज

एसएन से बीते दिनों तीन मरीजों को यमुनापार के निजी अस्पताल लेकर भर्ती कराया गया। इसमें एक बच्चे की मौत भी हो गई थी। जांच में तीमारदार ने एंबुलेंस चालक पर भ्रामक जानकारी देकर यमुनापार के अस्पताल में भर्ती कराने का आरोप लगाया। सरकारी एंबुलेंस चालक भी कमीशनखोरी में पकड़े गए थे। इनकी जांच चल रही है।

कमीशनखोरी के खिलाफ है आईएमए

आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित का कहना है कि कमीशनखोरी में लिप्त निजी अस्पताल संचालक का आईएमए साथ नहीं देगी। कॉलेज प्राचार्य से भी मांग करते हैं कि कमीशनखाेरी करने वाले एंबुलेंस चालकाें के नाम से एफआईआर दर्ज कराई जाए।

 


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science