खबर शहर , किशोरी का शव मिलने से हड़कंप: पिता ने दो दिन पहले दर्ज कराई थी गुमशुदगी, अपहरण के बाद दुष्कर्म व हत्या का आरोप – INA

जौनपुर जिले के मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के मुस्तफाबाद बाजार के पास स्थित गांव के तालाब में शुक्रवार को एक अनुसूचित जाति की किशोरी का शव बरामद हुआ। घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पीड़ित के परिजनों ने गांव के तीन युवकों और एक महिला पर हत्या कर शव तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है। पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

यह है पूरा मामला
किशोरी के पिता ने कोतवाली में 20 नवंबर को अपनी पुत्री के गायब होने की तहरीर दी थी। जिसके बाद कोतवाली पुलिस गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर गांव के ही तीन युवकों को हिरासत में लिया था। हालांकि किशोरी के पिता के अनुसार पुलिस ने हिरासत में लिए गए रेहान, मन्नान और फिरदौस गुरुवार की शाम पूछताछ के बाद छोड़ दिया। 
अपहरण के बाद दुष्कर्म और हत्या कर तालाब में शव फेंकने का आरोप
आरोप है कि तीनों ने उनकी पुत्री का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और हत्या कर शव को तालाब में फेंक दिया। मृतक के पिता के ने बताया कि गुरुवार को रेहान के घर गया तो घर पर मौजूद उसकी बहन रूखसार ने फोन पर उसकी बेटी से बात भी कराई थी। जिसके बाद उसने पुलिस के दबाव में वह मोबाइल नंबर दिया, लेकिन बाद में मोबाइल बंद हो गया। 

पिता की शिकायत पर इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा


शुक्रवार को सुबह बाजार स्थित तालाब के पास शव मिलने की सूचना पर पहुंचे पिता ने शव को अपने बेटी का होने की पुष्टि की। मौके पर पहुंचे सीओ गिरेंद्र सिंह और प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पिता की तहरीर पर रेहान, फिरदौस, मन्नान और रूखसार के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

आईजी वाराणसी से मिला पीड़ित परिवार 
कोतवाली में आए आईजी वाराणसी मोहित गुप्ता से पीड़ित परिवार ने मुलाकात किया। पिता ने कोतवाली में तैनात कुछ पुलिस कर्मियों की लापरवाही से हत्या होने का आरोप लगाया। पिता ने रुपये लेकर पूछताछ के बाद आरोपियों को छोड़ने के बाद ही घटना होने की बाद कही। पिता का आरोप है कि यदि आरोपी नहीं छोड़े गए होते तो बेटी की जान बच जाती। जिसके बाद आईजी ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देने को कहा। पीड़ित परिवार ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया तो पुलिस महानिरीक्षक ने क्षेत्राधिकारी गिरेन्द्र सिंह को प्रार्थना पत्र की जांच करते हुए दोषीयों का नाम उजागर करने का निर्देश दिया।


Credit By Amar Ujala

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