खबर शहर , खनन का खेल: खाकी पर लगे खून के धब्बे नहीं धो पा रही पुलिस, धीमी जांच के चलते नहीं हो सका खुलासा – INA

मुरादाबाद जिले में खनन के खेल में बार-बार खाकी पर खून के धब्बे लग रहे हैं। धीमी जांच के चलते पुलिस अपने ऊपर लगे दाग भी नहीं धो पा रही है। दो साल पहले खनन माफिया की घेराबंदी के दौरान गोली लगने से महिला की माैत हो गई थी। वहीं पिछले माह ठाकुरद्वारा के तरफ दलपत गांव में खनन के शक में पुलिस द्वारा पीछा करने पर ट्रैक्टर पलटने से युवक की जान चली गई थी।

दोनों ही मामलों में पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन जांच किसी भी मामले में पूरी नहीं हो सकी। ठाकुरद्वारा में 13 सितंबर 2022 को उत्तराखंड से आने वाले खनिज लदे वाहनों को तत्कालीन एसडीएम परमानंद सिंह और तत्कालीन जिला खनन अधिकारी ने रुकवा लिया था।

अफसर वाहनों के दस्तावेज चेक कर रहे थे। तभी वहां खनन माफिया पहुंच गया और लोगों काे भड़का कर टीम पर हमला कर दिया था। इस मामले में एसडीएम और अन्य अधिकारी घायल हो गए थे। पुलिस ने खनन माफिया और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था।

12 अक्तूबर 2022 की रात पुलिस को पता चला कि खनन माफिया जफर कमालपुरी चौराहे पर पहुंचने वाला है। पुलिस ने उसकी घेराबंदी की तो वह कार दौड़ाकर ठाकुरद्वारा से उत्तराखंड की सीमा में घुस गया था। इसके बाद वह उत्तराखंड के भरतपुर गांव में एक मकान में घुस गया।


पुलिस ने घर में दबिश दी तो लोगों ने हमला कर दिया। इस घटना में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहीं गोली लगने से एक महिला की माैत हो गई थी। इस मामले में एक केस ठाकुरद्वारा में दर्ज किया गया था, जबकि दूसरा केस पुलिसकर्मियों के खिलाफ उत्तराखंड के कुंडा थाने में दर्ज किया गया था।

इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। वहीं ठाकुरद्वारा के तरफ दलपत गांव में 26 सितंबर 2024 की रात खनन के शक में पुलिस के पीछा करने पर ट्रैक्टर पलटने से लोकेश उर्फ मोनू (27) की माैत हो गई थी।

परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर हत्या कर शव ट्रैक्टर के नीचे दबाने का आरोप लगाया था। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया, लेकिन अभी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर . की कार्रवाई की जाएगी।


सराफ की हत्या में भी पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुआ था मुकदमा

मुगलपुरा के कानून गोयान निवासी सराफ सतेंद्र रस्तोगी की मझोला के जयंतीपुर में दुकान थी। 27 जनवरी 2014 को दुकान से घर लौटते समय सतेंद्र रस्तोगी का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। उनका शव रामपुर के पटवाई थाना क्षेत्र में फेंक दिया गया था।

पुलिस ने इस मामले की जांच पड़ताल की तो मूंढापांडे के तत्कालीन थाना प्रभारी और चार पुलिसकर्मियों का नाम हत्या में सामने आया। पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। सभी आरोपी जमानत पर हैं और मामला कोर्ट में विचाराधीन है।


Credit By Amar Ujala

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