खबर शहर , तकनीक: बिना केमिकल मिलाए तालाब की होगी सफाई, फ्लोटिंग आईलैंड से किया जाएगा काम; IIT BHU के छात्र कर रहे तैयार – INA

आईआईटी बीएचयू में पहली बार फ्लोटिंग आईलैंड से तालाब की सफाई होगी। जैविक तरीके से बिना केमिकल मिलाए पूरे तालाब के जल को साफ किया जाएगा। इन फ्लोटिंग आईलैंड पर पौधे रोपे जाएंगे जो तालाब की सफाई में बायो फिल्टर का काम करेंगे। पौधों की जड़ें तालाब की गहराई में जाकर प्रदूषक तत्वों और गंदगी को सोखेंगी।

संस्थान के बायो केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र इस फ्लोटिंग आईलैंड को बनाने का काम कर रहे हैं। उनकी मदद के लिए मजदूरों को भी लगाया गया है। बांस और रस्सी की मदद से पांच फ्लोटिंग आईलैंड तैयार किए जा रहे हैं। इसे चारपाई की तरह से बुना जा रहा है। ये फ्लोटिंग आईलैंड निदेशक कार्यालय के तालाब में तैराए जाएंगे। 
ये तालाब बीएचयू की स्थापना यानी कि साल 1916 से भी पुराना बताया जाता है। आसपास गांव के हजारों लोग इस प्रदूषित तालाब में ही छठ पूजा करते हैं। पहला आईलैंड शुक्रवार तक तालाब में उतार दिया जाएगा। बाकी चारों को 2-2 दिन के अंतराल में तालाब में तैराए जाएंगे।

ऐसे काम करेगा फ्लोटिंग आईलैंड


ये फ्लोटिंग आईलैंड दो तरह से तालाब की सफाई करते हैं। पहला आईलैंड पर रोपे गए पौधों की जड़ें प्रदूषण तत्वों और पोषक तत्वों दोनों को अवशोषित करेंगे। दूसरा तरीका है बायो फ्लेम। इसमें पौधों की जड़ें पानी की गहराई में जाएंगी। जड़ के ऊपर अपने आप बायो फ्लेम बनने लगती है। ये पानी में मौजूद केमिकल और जरूरत से ज्यादा नाइट्रोजन, फाॅस्फेट आदि को सोख लेंगी।
 
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रोजेक्ट के तहत फ्लोटिंग आईलैंड के जरिये तालाब की सफाई कराई जाएगी। इस फ्लोटिंग आईलैंड में तीन-चार तरह के वैजयंती के पौधे लगाए जा रहे हैं। ये पौधे तालाब में जमी काई को खा जाते हैं। इससे पानी में शैवाल नहीं उगेंगे और तालाब स्वच्छ रहेगा। संस्थान के बायो केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. एएस धोले और उनके बीटेक छात्र अपने प्रायोगिक कार्य के अंतर्गत इस काम को कर रहे हैं। -स्वाति बिस्वास, प्रमुख, प्रेस एवं पत्राचार प्रकोष्ठ 


Credit By Amar Ujala

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