खबर शहर , नवरात्र: यूपी के इस जिले में धरती चीरकर निकली थी मां काली की प्रतिमा, भव्य है मंदिर- पूरी होती हैं मुरादें – INA

गोरखपुर शहर के गोलघर में स्थित मां काली के महिमा की ख्याती दूर तक फैली है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता को पूजता है, मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूरा करती हैं।

 


मंदिर से जुड़े लोगों के मुताबिक, यहां स्थापित मां काली की प्रतिमा धरती चीर कर बाहर निकली थी। बहुत पहले यहां एक जंगल हुआ करता था, उसी समय यहां धरती फाड़ कर एक मुखड़ा बाहर आया। इसी प्रतिमा को मंदिर में स्थापति किया था।


गोलघर स्थित काली मंदिर जिला मुख्यालय से करीब एक किमी की दूरी पर है। सुबह मंदिर के पट खुलते ही मां के दर्शन को भक्तों की लंबी कतार लग जाती है। वहीं बात अगर नवरात्र की करें तो मंदिर के आसपास मेले जैसा माहौल रहता है।


पूजन सामग्री और प्रसाद की दर्जनों दुकानें यहां सजती हैं। भक्त दूर-दूर से आकर माता के दर्शन कर विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।


वर्षों पूर्व गोलघर का यह पूरा क्षेत्र जंगल था, उसी जंगल में एक स्थान पर माता का मुखड़ा धरती चीर कर ऊपर निकला। जब धरती से मां का मुखड़ा निकलने की बात आस पास के लोगों में फैली तो यहां भीड़ जुटनी शुरू हो गई और प्रतिमा का पूजन-अर्चन शुरू हो गया।


पूर्व उपसभापति मनू जायसवाल ने बताया कि हमारे पारिवारिक पूर्वज जंगीलाल जायसवाल ने श्रद्धालुओं की आस्था देखकर ने विक्रम संवत 2025 में वहां मंदिर का निर्माण कराया। तभी से प्रतिदिन मंदिर में पूजा होने लगी। पहले वहां जमीन से निकली प्रतिमा थी। बाद में वहां काली मां की एक बड़ी प्रतिमा लगवाई गई।


प्रतिमा के ठीक सामने नीचे स्वयंभू काली मां का मुखड़ा आज भी वैसा ही है, जैसा जमीन से निकला था। 


भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं मां काली
काली मंदिर के पुजारी श्रवण सैनी का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि गोलघर की काली माता बहुत सिद्ध हैं। ऐसा कहा जाता है कि सुबह, दोपहर और शाम में काली मां की प्रतिमा के स्वरूप में बदलाव होता है।
 


Credit By Amar Ujala

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