खबर शहर , मदरसों में बदलाव की बयार: अंग्रेजी के साथ कंप्यूटर शिक्षा में भी हासिल कर रहे महारत, सुबह सारे जहां से अच्छा – INA

अलिफ, बे, पे, ते की तालीम लेने वाले मदरसों के छात्र माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेल और पाॅवर प्वाइंट जैसी कंप्यूटर से जुड़ी आधुनिक शिक्षा भी प्राप्त कर रहे हैं। बदलते समय से कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए अंग्रेजी बोलना, पढ़ना और लिखना भी सीख रहे हैं। 

इसके अलावा शारीरिक व मानसिक विकास के लिए खेलों में भी हिस्सा ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की वैधता पर सुनवाई करते हुए कहा कि मदरसों को कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करने वाले कानून के साथ मान्यता देेने में कोई हर्ज नहीं है।

इसी परिप्रेक्ष्य में अमर उजाला संवाददाता ने बुधवार को शहर के कुछ मदरसों की पड़ताल की तो वहां काफी बदलाव नजर आए। दीनी शिक्षा के साथ बच्चों को आधुनिक शिक्षा भी दी जा रही है। 


मुरादाबाद में मदरसों का इतिहास एक शताब्दी से भी पुराना है। शहर के मदरसा शाही की स्थापना 1878 और मदरसा नईमिया की स्थापना 1909 में हुई थी। इसके अलावा भी शहर में कई मदरसे ऐसे हैं, जिनकी स्थापना आजादी से पहले हुई थी।

शहर 859 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें चार मदरसे एडेड हैं। इन मदरसों में अब दीनी शिक्षा के साथ-साथ दुनियावी शिक्षा पर भी खासा जोर दिया जा रहा है। छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हिंदी, अंग्रेजी, गणित और कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जा रही है।

गलशहीद स्थित दारुल उलूम जामिया अल हुदा, मंडी चौक स्थित मदरसा शाही और दीवान का बाजार स्थित मदरसा नईमिया की पड़ताल में सामने आया कि मदरसों में बच्चों के आधुनिकीकरण पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इन तीनों मदरसों में करीब दो हजार से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं।


कंप्यूटर के सॉफ्टवेटर की ले रहे जानकारी 

मदरसों में बच्चों को कंप्यूटर भी सिखाया जा रहा है। शाही मदरसा में मो. नदीम बच्चों को टाइपिंग सिखाने के साथ-साथ एमएस ऑफिस, एक्सेल, पॉवर प्वाइंट और कोरल ड्रॉ जैसी तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स में बच्चों को अंग्रेजी बोलना और पढ़ना सिखा रहे हैं।


मदरसे के तीन छात्रों ने क्वालीफाई किया नेट 

दीवान का बाजार में स्थित मदरसा जामिया नईमिया के तीन छात्रों ने हाल में यूजीसी की नेट जेआरएफ परीक्षा में सफलता हासिल की। ये छात्र मुफ्ती मुईज आलम नईमी, मुफ्ती दाऊद रजा नईमी व मुफ्ती शुजाअत अली नईमी हैं। दिल्ली के जामिया विवि से मास कम्यूनिकेशन कर मदरसे में छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा देने वाले बाकर अली ने बताया, यह मदरसे की बड़ी उपलब्धि है।


सुबह प्रार्थना में सारे जहां से अच्छा 

मदरसों में हर रोज सुबह प्रार्थना होती है। मदरसा जामियतुल हुदा में सारे जहां से अच्छा के साथ राष्ट्रगान भी होता है। जबकि, अन्य मदरसों में सारे जहां से अच्छा… का तराना ही रोज गूंजता है। वहीं 15 अगस्त व 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर ही राष्ट्रगान होता है।

प्रार्थना के बाद दीनी कक्षा के अलावा अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान, कंप्यूटर और इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स की कक्षाएं चलती हैं। मदरसे में मुफ्तियों के अलावा अंग्रेजी, हिंदी और कंप्यूटर के भी शिक्षक रखे गए हैं, जो बच्चों को इसकी शिक्षा प्रदान करते हैं।


बेहतर उच्चारण के लिए पढ़वाया जाता है अखबार 

इन छात्रों को देश-दुनिया की खबरों से अपडेट करने के लिए हिंदी और उर्दू के अखबार भी पढ़वाए जाते हैं। कक्षा के दौरान उनसे खबरें पढ़वाई जाती हैं ताकि उनका हिंदी उच्चारण भी बेहतर हो सके। इसके अलावा दुनियावी मुद्दों पर वाद-विवाद प्रतियोगिता भी समय-समय पर आयोजित होती रहती है।


जामिया नईमिया से निकलीं कुछ हस्तियां 
जिगर मुरादाबादी (अली सिकंदर)    प्रख्यात कवि 
काजी अतहर मुबारकपुरी             प्रख्यात साहित्यकार   
मौलाना मुश्ताक                         दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर 
मौलाना अहमद नईमी                 जामिया हमदर्द में असिस्टेंट प्रोफेसर
अब्दुल खालिद नईमी                  कश्मीर में गवर्मेंट पीजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रो.
मौलाना अब्दुल कय्यूम                 एमफिल की डिग्री लेकर लेक्चरर बने
मौलाना अब्दुल रज्जाक                गवर्मेंट कॉलेज में शिक्षक


Credit By Amar Ujala

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