खबर शहर , लापरवाही: अंकित के चहेरे को चीर गई निर्माणाधीन नाले की निकली सरिया, मौत से जूझते हुए आठवें दिन टूट गईं सांसें – INA

राजधानी लखनऊ में नगर निगम के ठेकेदार की लापरवाही से 24 वर्षीय युवक की जान चली गई। दीपावली की रात फैजुल्लागंज में निर्माणाधीन नाले से निकली सरिया से अंकित (24) गंभीर रूप से घायल हो गय था। बृहस्पतिवार रात केजीएमयू में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। वह आठ दिन से जिंदगी के लिए जूझ रहे थे। आंख के पास धंसे सरिया को डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर निकाल दिया था। फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

अंकित के पिता मूलचंद ने नगर निगम के ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मड़ियांव थाने में केस दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव सीतापुर जिले के रमनगरा बसखेर गांव ले गए। 

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बाइक निर्माणाधीन नाले में गिर गई थी

रंजीत ने बताया कि पिता मूलचंद ने आईआईएम रोड पर यादव चौराहे के पास प्लॉट ले रखा है। 31 अक्तूबर की रात भाई अंकित, साथी प्रदीप, अद्दू के साथ प्लॉट पर दीया जलाकर घर लौट रहे थे। फैजुल्लागंज में गाजीपुर बलराम प्राइमरी स्कूल के पास बाइक निर्माणाधीन नाले में गिर गई थी।
 


सरिया अंकित की दायीं आंख के पास घुस गया था। वहीं साथी भी घायल हो गए थे। पुलिस ने कारीगर से सरिया को कटवा कर तीनों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया था। यहां प्रदीप व अद्दू काे छुट्टी दे दी गई। अंकित का इलाज न्यूरो सर्जरी विभाग में चल रहा था। बृहस्पतिवार रात करीब एक बजे अंकित की मौत हो गई।

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नहीं लगा था रिफ्लेक्टर

रंजीत ने बताया कि नगर निगम व ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। क्योंकि जहां नाला बन रहा है वहां पर अंधेरा था। इंडिकेटर और रिफ्लेक्टर भी नहीं लगे थे। इससे हादसा हुआ था।
 


पैसा नहीं था, उधार लेकर कराया इलाज

भाई रंजीत ने बताया कि आठ दिनों में इलाज के दौरान करीब दो लाख रुपये खर्च हुए हैं। परिचितों व रिश्तेदारों से रुपये उधार लेकर इलाज कराया गया। घटना के बाद नगर निगम के अफसर और ठेकेदार देखने तक नहीं आया। निर्माणाधीन नाले के पास सुरक्षा के इंतजाम होते तो भाई की जान बच जाती।

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विरोध की आशंका से चलते घटनास्थल पर पहुंची पुलिस

अंकित के पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर पहले फैजुल्लागंज स्थित उस स्थल पर पहुंचे जहां हादसा हुआ था। यहां पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रुकने नहीं दिया। लोगों ने बाईपास पर शव रखकर प्रदर्शन करने का प्रयास किया। यहां भी पहले से तैनात पुलिस ने उन्हें रुकने नहीं दिया।
 


नाला खोदाई में निकली मिट्टी भी होती तो भी बच सकती थी जान

नाला निर्माण के दौरान निकले सरिया से कोई हादसा न हो उसके लिए इंजीनियर और ठेकेदारों ने सुरक्षा को लेकर बैरिकेडिंग तो नहीं कराई, लेकिन खोदाई में निकली मिट्टी ही छोड़ देते तो भी युवक की जान बच सकती थी। नाला खोदाई में करीब 45 हजार घन मीटर मिट्टी निकली। इसे इंजीनियर और ठेकेदार लालच में हजम कर गए। 

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इलाके के लोगों ने बताया कि एक प्रॉपर्टी डीलर की कई बीघा जमीन में मिट्टी पाटी गई। जो मिट्टी हजम की गई उसकी बाजार कीमत करीब 1.58 करोड़ रुपये है। इलाके के लोग कह रहे हैं कि जहां पर निर्माण हो रहा है, वहां अगर मिट्टी ही पड़ी होती तो अंकित सरिया तक नहीं पहुंच पाता। मिट्टी में ही रह जाता। इससे उसकी जान बच जाती।


Credit By Amar Ujala

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