मुगल बादशाह बाबर, अकबर, जहांगीर और शाहजहां काल में तामीर किए गए जोहरा बाग का यमुना किनारे का चार मंजिला बुर्ज एक माह पहले गिर गया था। इसकी तीन मंजिलें पूरी तरह से ध्वस्त हो गईं, जबकि नीचे की मंजिल आधी गिर गई। ऐसे में इसे नए सिरे से बनाया जाएगा, लेकिन पहले बची हुई सबसे निचली मंजिल को हटाया जाएगा और फिर नए सिरे से पूरे स्मारक को री-सेट किया जाएगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि जोहरा बाग में बाबर काल का उपयोग किया गया चूना अब मिट्टी की तरह से बन गया था। ऊपर की तीन मंजिलें नीचे गिरने के कारण सबसे निचली मंजिल को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में सबसे निचली मंजिल को भी खोला जाएगा। एक-एक पत्थर का डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा और फिर इसे संरक्षित कर पहले जैसा बना दिया जाएगा। एक से डेढ़ माह का वक्त मलबा हटाने में लगेगा और एक माह का वक्त निचली मंजिल को हटाने में। एएसआई का प्रयास है कि मानसून की बारिश शुरू होने से पहले जोहरा बाग की सबसे नीचे की मंजिल तैयार की जा सके।
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संरक्षित होने से पहले ही मुबारक महल में तोड़फोड़
राज्य पुरातत्व विभाग ने हाल में ही बेलनगंज में मुबारक महल के संरक्षण की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है। संरक्षण से पहले ही इस इमारत में तोड़फोड़ कर नया निर्माण करने के आरोप लगाए गए हैं। आम आदमी पार्टी के कपिल वाजपेयी ने आरोप लगाया कि मुबारक महल को बिल्डर तोड़ रहे हैं। तोड़फोड़ के साथ ही मलबे को मौके से हटाया जा रहा है। पुरानी इमारत हटाकर नया निर्माण करने की तैयारी है। उन्होंने प्रशासन और राज्य पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि मुबारक महल को तोड़ने से रोका जाए। सेटेलाइट के चित्रों से तोड़फोड़ की पुष्टि की जा सकती है।