अमांपुर। कस्बे में बंदरों के बढ़ते आतंक से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। आए दिन बंदरों के हमले से कोई न कोई घायल होता है। यही नहीं बंदरों के झुंड के सामने से गुजरना खतरे से खाली नहीं होता। स्थानीय नागरिकों ने नगर पंचायत से समस्या के समाधान की मांग की है।
कस्बे के कालेज रोड, आंबेडकर नगर, शास्त्री नगर क्षेत्र में छात्रों की संख्या अच्छी खासी है। यहां सुबह से ही बंदरों की आमद हो जाती है। बंदरों से बचाव के लिए कालेज प्रबंधन ने बकायदा लोहे की जालियां लगवाई है। इसके बावजूद बंदरों का आंतक कम नहीं है। इससे छात्र डरे सहमे बचते बचाते निकलते है।
कस्बे का शायद ही कोई गली मोहल्ला होगा, जहां बंदरों का उत्पात नहीं रहता हो। रात को भी बंदरों का जमावड़ा रहता है। ऐसे में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। कस्बे के सभी दस वार्डों में कमोवेश यही स्थिति है। वहीं बाजार में भी दुकानदारों को भी बंदरों के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। कस्बे के जागन सिंह सोलंकी, रामजीलाल वर्मा, रामनरायन मित्तल, राकेश पाराशर, अवनीश सोलंकी, दरवेश फौजी, संजय सोलंकी, धीरज गुप्ता आदि ने नगर पंचायत अध्यक्ष से समस्या के समाधान की मांग की है।
प्रतिदिन पहुंच रहे 20 से 30 बंदर काटे के मरीज
कस्बा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर हर रोज 20 से 30 तक लोग बंदर के काटने के बाद अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. संदीप राजपूत ने बताया कि ठंड की वजह से बंदर इस समय सामान्य दिनों से अधिक आक्रामक हो गए है। ऐसे में उनसे बचकर रहना ही समझदारी है।