खबर शहर , Agra News: सरकार की नई नीति नौनिहालों के लिए न बन जाए परेशानी का सबब – INA

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मैनपुरी। सरकार ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई है। सरकार की यह योजना लागू होने के बाद जिले में 300 से अधिक स्कूलों में ताला लटक जाएगा। यह प्रक्रिया लागू होने के बाद जिले के 300 से अधिक गांवों के नौनिहालों की शिक्षा पर संकट आ जाएगा।

आजादी के बाद गांव के बच्चों को गांव में ही शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से सरकारों ने गांव-गांव स्कूलों को स्थापित कराया था। इसका उद्देश्य ये था कि गांव के नौनिहाल दो से तीन किमी दूर जाकर शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शासन ने ऐसे स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है, जहां 50 से कम छात्र संख्या है। ऐसे स्कूलों के छात्र-छात्राओं को पास के ही अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाएगा।

शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची तैयार करें।

निजी स्कूलों की हो जाएगी बल्ले-बल्ले

50 से कम छात्र संख्या वाले बेसिक स्कूल यदि बंद होते हैं तो यहां संचालित निजी स्कूलों को इसका लाभ मिलेगा। संबंधित स्कूलों के बच्चे सुदूर स्कूलों में न जाकर निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर होंगे। इससे कहीं न कहीं अभिभावकों की जेब पर बोझ और बढ़ जाएगा।

सूची तैयार करने में जुटे खंड शिक्षाधिकारी

अधिकारियों के निर्देश के बाद 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची तैयार करने में खंड शिक्षाधिकारी जुटे हुए हैं। लगभग सभी विकास खंड से सूची तैयार कर ली गई है। 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के छात्रों को आस-पास के अन्य स्कूलों में समायोजित करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द ही यह प्रस्ताव सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा जाएगा।

विभागीय निर्देश पर 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को आस-पास के स्कूलों में समायोजित करने का प्रस्ताव खंड शिक्षाधिकारियों से मांगा गया है। उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश मिले हैं हालांकि अभी लिखित में काेई आदेश जारी नहीं हुआ है। . विभाग और शासन के जो निर्देश मिलेंगे उनके अनुसार कार्य किया जाएगा। – दीपिका गुप्ता, बीएसए


Credit By Amar Ujala

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