खबर शहर , Cyber Fraud: इन तरीकों से लोगों को फंसा रहे साइबर ठग, पढ़े-लिखे भी हो रहे शिकार; बचने का ये मात्र एक तरीका – INA

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साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को जाल में फंसाकर ठगी कर रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस भी बेबस होकर रह गई है। ठग दोगुना मुनाफा या फिर केवाईसी के बहाने ठगी कर रहे हैं। ऑनलाइन फ्रॉड में पढ़े-लिखे लोग भी फंस रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से डिजिटल अरेस्ट चर्चा में है। इसमें ऑनलाइन तरीके से डरा-धमकाकर लोगों को ठगी का शिकार बना लेते हैं।

 


साइबर ठग सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर नामी कंपनियों से मिलते-जुलते नाम के लिंक या फर्जी ई-मेल आईडी बना लेते हैं, जिसमें कम समय में अधिक रुपये कमाने और शेयर बढ़ने या फिर केवाईसी कराने और सस्ते दामों में किराये पर कमरा देने का झांसा दिया जाता है। शेयर मार्केट में रुचि रखने वाले लोग तुरंत लिंक खोल लेते हैं और ठग नामी कंपनियों के नाम से फर्जी कंपनी में ऑनलाइन अकाउंट खुलवाकर पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं।


ऐसे ही नामी गेस्ट हाउस या होटल की फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर सस्ते दामों में किराये पर कमरा देने के नाम पर भी शिकार बना लेते हैं। कुछ महीनों से डिजिटल अरेस्ट चर्चा में है। इसमें लोगों को ऑनलाइन तरीके से डराया जाता है कि वह सरकारी एजेंसी द्वारा अरेस्ट हो गए हैं। झूठे आरोप लगाकर लोगों पर दबाव बनाया जाता है, ताकि उनसे पैसे ऐंठ सकें। यह आमतौर पर वीडियो कॉल या सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें लोगों पर मनगढ़ंत आरोप लगाए जाते हैं और पैसे मांगने का दबाव बनाया जाता है।


बीती तीन अक्तूबर को साइबर अपराधियों ने डाकघर में तैनात उपाधीक्षक रामबहादुर के मोबाइल में एप डाउनलोड कराकर 10 लाख रुपये ठग लिए थे। ऐसे से ही वृंदावन स्थित इस्काॅन गेस्ट हाउस के नाम की फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर कई पर्यटकों के हजारों रुपये पार कर दिए। ऐसे में साइबर ठग पुलिस के सामने नई चुनौती पेश कर रहे हैं। पुलिस बेबस होकर रह जाती है।


धर्मस्थलों पर भी बिछाया जाल
साइबर ठग धार्मिक स्थलों पर जाने वाले लोगों को भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। मथुरा और वृंदावन में होटलों और धर्मशालाओं में कमरे बुक करने के बहाने हाल ही में कई पर्यटकों से ठगी हुई।


कैसे करते हैं ठगी
एक महिला को अनजान नंबर से कॉल आया, फोनकर्ता ने खुद को एक कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताया। फोन पर उस व्यक्ति ने कहा कि मुंबई या किसी अन्य शहर के एयरपोर्ट में आपका भेजा गया कोरियर जब्त हो गया है। फिर मुंबई पुलिस की तरफ से एक अधिकारी ने फोन पर पूछताछ की। पुलिस अधिकारी ने महिला को स्काइप डाउनलोड करने को कहा। फिर नकली पुलिस वाले ने वीडियो में मनी लॉन्ड्रिंग और अरेस्ट करने की धमकी दी। फिर झांसे में लेकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
 


कैसे बचें
ठगों ने जब वीडियो कॉल करने को कहा, तब पीड़िता राजी हो गई। कॉल उठाना लाजिमी था, पर वीडियो कॉल से बचना चाहिए था। ठगों के कहने पर एप डाउनलोड किया। जबकि किसी भी विभाग का कोई अधिकारी ऐसा करने को नहीं कहेगा। ऐसे में पीड़िता थाने का पता भी पूछ सकती है ऐसे में अनजान नंबर की कॉल से बचना चाहिए।


बचने का एक मात्र उपाय 
साइबर थाना प्रभारी जयवीर सिंह ने बताया कि नामी होटल या धर्मशाला के नाम की फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर पर्यटकों से ठगी का मामला सामने आया है। इसकी जांच की जा रही है। साथ ही साइबर ठगी से बचने का मात्र एक उपाय है कि लोग जागरूक रहें। ठगी का शिकार होने पर 1930 पर कॉल या स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराएं।


Credit By Amar Ujala

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