खबर शहर , Hamirpur Accident: रात 12 बजे तक खुली रही बाजार, नौ बजे खोल दी गई नो इंट्री, गार्डों के भरोसे यातायात व्यवस्था – INA

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हमीरपुर जिले में शहर के अमन शहीद तिराहा से 100 मीटर की दूरी पर बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने मंगलवार रात नौ बजकर 10 मिनट पर हुई सड़क दुर्घटना में पिता सहित दो बेटों की मौत हो गई। जिसका मुख्य कारण कहीं न कहीं पुलिस की लचर यातायात व्यवस्था है।

धनतेरस के चलते देर रात 12 बजे तक बाजार व दुकानें सजी रहीं और लोगों का आवागमन भी लगा रहा। लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। घटना के बाद बुधवार को एसपी ने नो इंट्री का समय बढ़ाकर 11 बजे तक कर दिया है। दीपावली के त्योहार तक यह व्यवस्था लागू रहेगी।


भीड़भाड़ के चलते जिला प्रशासन ने नो इंट्री का समय भी नहीं बढ़ाया और नो इंट्री खुलते ही भारी वाहन फर्राटा भरने लगते हैं। जो हादसा का कारण बना और हंसता खेलता पूरा परिवार उजड़ गया। जिम्मेदारों का कहना है कि एक तो कर्मचारियों की कमी है और नौ बजे के बाद ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी खत्म हो जाती है।


सात कर्मियों की ड्यूटी चित्रकूट में लगा दी गई
पीआरडी जवानों के भरोसे शहर की यातायात व्यवस्था संचालित है। वहीं कोतवाली पुलिस सुभाष बाजार, किंग रोड व अस्पताल चौराहा तक ही सीमित रही। यातायात प्रभारी हरवेंदर सिंह ने बताया कि उनको लगाकर कुल 24 लोग हैं, जिनमें सात कर्मियों की ड्यूटी चित्रकूट में लगा दी गई थी।


11 बजे तक कर दिया गया है नो इंट्री का समय
शहर में आठ कर्मी मौजूद थे, जिनमें दो की बाजार में ड्यूटी लगी थी। कहा कि नौ बजे के बाद ट्रॉफिक पुलिस की ड्यूटी खत्म हो जाती है। बाजार को छोड़कर मुख्य मार्ग में सन्नाटा हो गया था। बताया कि नो इंट्री का समय 11 बजे तक कर दिया गया है।


घटना के बाद जागा पुलिस प्रशासन
नो इंट्री के समय कहीं भी पुलिस की टीम नजर नहीं आई। आरोपी डंपर चालक घटना स्थल से करीब 300 मीटर दूर महिला थाना के पास डंपर खड़ाकर चंपत हो गया। जो पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है। लक्ष्मीबाई तिराहा, एसपी कार्यालय, बस स्टैंड, अमन शहीद चौराहा, महिला थाना व कालपी चौराहा तक कहीं भी पुलिस घटना के समय मौजूद नहीं रही और डंपर की रखवाली को पांच पुलिस कर्मी लगा दिए गए।


शहर से निकले हाइवे पर नहीं एक भी ब्रेकर
शहर के अंदर से गुजरे हमीरपुर कालपी हाइवे पर रात नौ बजे के बाद भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो जाता है। जो नो इंट्री खुलते ही वाहन फर्राटा भरते हैं, लेकिन इनकी रफ्तार को थामने के लिए परिवहन विभाग ने कोई पहल नहीं की है।


कार्रवाई के डर से तेजी से निकलते हैं वाहन
लक्ष्मीबाई तिराहा से लेकर सिटी फॉरेस्ट तक करीब तीन किलोमीटर मार्ग में एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं बने हैं। जो इन वाहनों की रफ्तार में ब्रेक लगा सकें। घटना का यह भी एक कारण माना जा रहा है। डंपर और ट्रक लोकेशन के चक्कर और अधिकारियों के कार्रवाई के डर से तेजी से निकलते हैं।


नो इंट्री का एक घंटा बढाना चाहिए समय
एआरटीओ प्रर्वतन अमिताभ राय ने बताया कि स्पीड ब्रेकर बनाए जाना प्रस्तावित है। जिन्हें जल्द ही बनवाया जाएगा। कहा कि त्योहार के चलते नो इंट्री का समय एक घंटा और बढ़ना चाहिए। जिसको लेकर उन्होंने यातायात विभाग से समय बढ़ाने को कहा है। बताया कि जानकारी मिली है कि मृतक बोनस के चक्कर में कार्यालय से होकर जा रहा था। तभी घटना हो गई, यह पुष्टि नहीं हो पा रही कि वह अमन शहीद की ओर से आ रहे थे, कि जा रहे थे।


Credit By Amar Ujala

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