खबर शहर , Health News: पुरानी चोट को नजरअंदाज न करें… हड्डी में हो सकती है टीबी, जानें क्या कहते हैं चिकित्सक – INA
हड्डी में चोट लगने पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इससे हड्डी में टीबी बन रही है। सबसे ज्यादा रीढ़ की हड्डी और घुटनों में टीबी मिल रही है। ऐसे करीब 7-8 फीसदी मरीज हैं। मॉल रोड स्थित होटल में इंडियन आर्थोपेडिक सोसाइटी की कार्यशाला के दूसरे दिन इससे बचाव पर व्याख्यान दिए गए।
आईओए सेंट्रल जोन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. संजय धवन ने बताया कि कई बार हड्डी में चोट लगने से मामूली फ्रैक्चर होता है। लोग इलाज नहीं कराते, वहां टीबी का खतरा रहता है। भूख कम लगना, बुखार आना और वजन कम होना इसके लक्षण हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के हड्डी राेग विभाग के डॉ. रजत कपूर को शोधपत्र प्रस्तुत करने पर स्वर्ण पदक मिला। कार्यशाला में डॉ. डीडी तन्ना, डॉ. अमूल्य कुमार सिंह, डॉ. धीरेंद्र सिंह डॉ. ललित मैनी, डॉ. जमाल अशरफ, डॉ. मुथा संदीप कुमार, डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ, डॉ. अरुण कपूर, डॉ. राजेंद्र अरोड़ा, डॉ. बृजेश शर्मा आदि ने भी व्याख्यान दिए।