खबर शहर , Jalaun: बेटे की आस में सूख गए आंसू, घर लौटी संतोषी परिजनों से खूब रोई, पढ़ें पूरा मामला – INA

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झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती नवजात बेटे के न मिलने की आस में मां संतोषी की पीड़ा असहनीय हो गई है। अब वह रो तो रही लेकिन उसके आंखों से आंसू नहीं निकल रहे हैं। वह बस एक ही बात कह रही है कि उसके बेटे से एक बार मिला दो। रविवार शाम बेटे के न मिलने से वह परिजनों सहित घर लौट आई है।

रामपुरा थाना क्षेत्र के कंजौसा गांव निवासी संतोषी पत्नी संतराम ने 5 नवंबर को रामपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेटे को जन्म दिया था। तब उसका वजन साढ़े चार किलो था। इस वजह से उसे सांस लेने में समस्या हो रही थी। इस पर डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कालेज ले जाने की सलाह दी थी। परिजनों ने उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। लेकिन वहां से उसे झांसी के लिए रेफर कर दिया था।

शुक्रवार की रात आग लगने के बाद से उसके बेटे का कहीं पता नहीं चल रहा है। रविवार को पीड़ित परिवार झांसी से लौट आया है। बेटे की आस में संतोषी लगातार बिलख रही है। वह बस कोई तो बेटे से मिलवा दो, उसका चेहरा दिखा दो, एक ही रट लगाए जा रही है। संतराम भी रो रोकर कह रहा है कि भगवान उसने तो अभी दुनिया भी नहीं देखी थी। उसका क्या कसूर था। वह कहां है उसे अभी तक पता नहीं चला है। संतराम ने बताया कि आग के बाद से उसके बेटे के साथ क्या हुआ वह दो दिन तक जिम्मेदारों से पूछता रहा, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। वह अब घर लौट आया है।


Credit By Amar Ujala

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