महाकुंभ में डुबकी लगाने देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं। श्रद्धालुओं का प्रयागराज से काशी के लिए पलट प्रवाह भी होगा। दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों से 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कुंभ मेले में पुण्य की डुबकी लगाएं। उनके वहां से काशी में भी बाबा विश्वनाथ सहित अन्य शिवालयों व देवालयों में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके लिए काशी के मठों, आश्रमों व होटलों में बुकिंग शुरू हो गई है।
सनातन परंपरा का सबसे बड़ा उत्सव महाकुंभ है। इसे लेकर काशी में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। दक्षिण भारत के राज्यों के काशी में स्थित मठों, आश्रमों व धर्मशालाओं में श्रद्धालुओं के ठहरने की अतिरिक्त व्यवस्थाएं हो रही हैं। श्रद्धालु महाकुंभ में दर्शन-पूजन के बाद काशी आएंगे। इसके लिए मठों, आश्रमों के अलावा होटलों में बुकिंग अभी से करवा रहे हैं।
श्रीराम तारका आंध्रा आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी पं. वीवी सुंदर शास्त्री और जंगमबाड़ी मठ के प्रबंधक शिवानंद स्वामी ने बताया कि महाकुंभ मेले में दक्षिण भारत के राज्यों से 10 लाख से अधिक साधु-संत, श्रद्धालु आएंगे। मठ व आश्रमों में कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं की बुकिंग हो रही है। अगले माह से इसमें और तेजी आएगी। श्रीकाशी महाराष्ट्र सेवा समिति के ट्रस्टी संतोष सोलापुरकर ने बताया कि महाराष्ट्र व गुजरात से भी पांच लाख से अधिक श्रद्धालु आएंगे। वे यहां के लोगों से संपर्क कर ट्रेनों रिजर्वेशन करवाने रहे हैं।
बाबा के अभिषेक से लेकर करेंगे श्राद्धकर्म
काशी की परंपरानुसार श्रद्धालु शिवालयों, देवालयों में दर्शन पूजन करेंगे। वह काशी विश्वनाथ मंदिर अभिषेक, रुद्राभिषेक, मौन व्रत, बसंत व गंगा पूजा आदि अनुष्ठान करेंगे। मां अन्नपूर्णा, मां विशालाक्षी आदि मंदिरों में दर्शन पूजन करेंगे। साथ ही अपने पितरों को तृप्त करने के लिए श्राद्धकर्म भी करेंगे। काशी में दक्षिण भारत के रहने वाले परिवारों में भी आतिथ्य भाव से ठहरेंगे।