मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह संपन्न होने से पूर्व ही जनप्रतिनिधि मौके से चलते बने। वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम के बीच में ही आशीर्वाद व प्रमाणपत्र देकर दूसरे कार्य के लिए निकल गए। एक तरफ विवाह हो रहा था तो दूसरी ओर मंच खाली पड़ा था। इस संबंध में एक वीडियो वायरल हो रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में बृहस्पतिवार को 281 जोड़ों ने एक साथ जीवन भर के लिए एक दूसरे के साथ रहने की कसमें खाई।
नगर के महुवरिया स्थित राजकीय इंटर कालेज परिसर में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। शुरु में तो जनप्रतिनिधियों से पूरा मंच भरा था लेकिन धीरे- धीरे जनप्रतिनिधि चले गए। उनके जाते ही वरिष्ठ अधिकारी भी निकल गए। एक तरफ मंच खाली दिखा तो दूसरी तरफ मंत्रोच्चार चलता रहा। सामूहिक विवाह के लिए जिले में 1463 विवाह का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके लिए 374 आवेदन आए थे। जांच के बाद उसमें से 292 पात्र पाए गए लेकिन बृहस्पतिवार को विवाह के लिए 281 जोड़े ही आ पाए।
सामूहिक विवाह के लिए 80 मंडप बनाए गए थे। इनमें से दो मंडप में अल्पसंख्यक समुदाय के जोड़ों का निकाह काजी ने कराया। शेष अन्य जोड़ाें का विवाह हिंदू रीति रिवाज के अनुसार कराया गया। इन 281 जोड़ों में से अनुसूचित जाति के 204 जोड़े, अनुसूचित जनजाति के छह जोड़े, अन्य पिछड़ा वर्ग के 69 व अल्पसंख्यक समुदाय के दो जोड़े शामिल हैं। छानबे विधायक रिंकी कोल, जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया व पहाड़ी ब्लाक प्रमुख ने वर वधू को आशीर्वाद दिया।
साथ ही उनको दी जाने वाली उपहार सामग्री व प्रमाणपत्र का वितरण किया। कार्यक्रम में शामिल होने वालों में पूर्व सांसद रामसकल, सभी ब्लाक प्रमुख, मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार, जिला विकास अधिकारी श्रवण कुमार राय, परियोजना निदेशक दिलीप सोनकर, जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र नारायण सिंह, जिला विकास अधिकारी विकास रामविलास रहे। सभी ने वर वधुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।
जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र नारायण सिंह ने सभी अतिथियाें का स्वागत किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि वे पूरे समय कार्यक्रम स्थल पर रहे। सभी उपस्थित रहे।
वर वधु को मिले यह उपहार
सामूहिक विवाह समारोह में शामिल वर वधुओं के लिए प्रति जोड़ा 51000 रुपये की धनराशि का आवंटन किया गया था। इसमें से 35000 रुपये कन्या के खाते मेंं जमा कराए गए थे। 10000 रुपये से कपड़े, पायल, बिछिया(चांदी के) व सात बर्तन नई गृहस्थी शुरु करने के लिए दिए गए। साथ ही छह हजार रुपये भोजन आदि की व्यवस्था के लिए आयोजकों को दिए गए।
सामूहिक विवाह के लिए वर वधुओं के लिए निर्धारित व्यक्तियों को बुलाया गया था लेकिन उनके बैठने के लिए भी पंडाल छोटा पड़ गया। बहुत सी महिलाएं राजकीय पुस्तकालय के पास पेड़ की छाया में जा बैठी। बैठने का कोई उचित स्थान न होने से वह जमीन पर ही बैठी रही। पीने के पानी की भी समस्या रही। छोटे- छोटे बच्चे वहां खड़े टेंकर से पानी पी रहे थे।
नहीं दिखाई दिए नगर व मड़िहान विधायक
इस कार्यक्रम मेंं नगर विधायक रत्नाकर मिश्र व मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल नहीं दिखाई दिए। चर्चा रही कि आमंत्रण न मिलने की वजह से ऐसा हुआ।