खबर शहर , UP: आरएनएन के परियोजना प्रबंधक रहे राजवीर सिंह के आवास पर छापेमारी, विजिलेंस की टीम कर रही छानबीन – INA

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उप्र राजकीय निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के नोएडा के चार और दिल्ली के एक ठिकाने पर विजिलेंस ने मंगलवार को छापा मारा। यह कार्रवाई राजवीर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में की गई है। देर रात तक अधिकारी सभी ठिकानों पर छानबीन के साथ राजवीर सिंह और उनके करीबी परिजनों से पूछताछ कर रहे थे। शुरुआती जांच में 50 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्तियों का पता चल चुका है।

सूत्रों के मुताबिक छापों में अलीगढ़ निवासी राजवीर सिंह की नोएडा में चार और दिल्ली की एक बेशकीमती संपत्ति का पता चला है। इसके अलावा अलीगढ़ में भी उनके आठ भूखंड होने के दस्तावेज हाथ लगे हैं। राजवीर सिंह और उनके करीबी परिजनों के बैंक खातों और अन्य जगहों पर करोड़ों रुपये निवेश करने का भी पता चला है। साथ ही, कुछ बैंक लॉकर भी मिले हैं, जिन्हें विजिलेंस द्वारा अदालत की अनुमति लेकर खुलवाया जाएगा। विजिलेंस को शक है कि उन्होंने कई कंपनियां बनाकर अपनी काली कमाई को सफेद किया है। डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा ने बताया कि विजिलेंस ने शासन के निर्देश पर उप्र राजकीय निर्माण निगम के नई दिल्ली स्थित महाप्रबंधक कार्यालय में तैनात अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह की चल-अचल संपत्तियों की प्रारंभिक जांच की थी, जिसमें आय के समस्त वैध स्राेतों से अधिक चल-अचल संपत्तियाें का पता चलने पर छापा मारकर सुबूत जुटाए गए हैं। कार्रवाई बुधवार को भी जारी रह सकती है।

20 करोड़ रुपये की दिल्ली में बिल्डिंग

दिल्ली में राजवीर सिंह के व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का पता चला है, जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है। अधिकारियों को मौके पर पांच मंजिला भवन मिला, जिसमें करोड़ों की लागत से आलीशान ऑफिस बन रहे थे। उनके नोएडा स्थित आवास की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा घर की साज सज्जा में भी 2.50 करोड़ों रुपये खर्च करने का अनुमान है। उनके घर के प्राइवेट लॉकर में 77 लाख रुपये के जेवरात मिले हैं। इसके अलावा नोएडा में ही 435 वर्ग मीटर का व्यवसायिक भवन मिला है, जिसकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपये है। यहां राजवीर और उनकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड कंपनी का बोर्ड लगा मिला है। परिसर में करीब 25 लाख रुपये की कीमत की मशीनें और फर्नीचर आदि मिले हैं। नोएडा में 200-200 वर्ग मीटर के भवन मिले हैं, जिनमें 16-16 कमरे के पीजी हॉस्टल संचालित करने का पता चला है। इनकी कीमत करीब 4-4 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा गाजियाबाद में करीब दो एकड़ कृषि भूमि खरीदने का भी पता चला है।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी रहे मौजूद

विजिलेंस के लखनऊ और मेरठ सेक्टर के एसपी के नेतृत्व में करीब 40 अधिकारियों ने पुलिस बल की मौजूदगी में छापा मारा। इस दौरान पीडब्ल्यूडी की चार सदस्यीय टीम भी साथ गई थी। टीमन ने सभी भवनों का मूल्यांकन किया है, जिसकी रिपोर्ट विवेचना में शामिल की जाएगी। इसके अलावा नोएडा पुलिस के 4 उपनिरीक्षक और 16 आरक्षी भी छापे में शामिल है।।


Credit By Amar Ujala

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