खबर शहर , UP: कृपालु महाराज की बेटी की अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़, छह किमी लंबी कतार; भाई के बेटे ने दी मुखाग्नि – INA

जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरपर्सन डॉ. विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा वृंदावन में निकाली गई। बृहस्पतिवार सुबह जगद्गुरु धाम प्रेम भवन के हॉल में रखे गए उनके पार्थिव शरीर को देखने को हजारों अनुयायी पहुंचे। सभी नम आखों के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए। रमणरेती क्षेत्र से शुरु हुई अंतिम यात्रा नगर के बाजारों से होते हुए मोक्ष धाम पहुंची। यहां उनके बड़े भाई घनश्याम के बेटे रामानंद ने उन्हें मुखाग्नि दी।
 


प्रेम मंदिर के प्रेम भवन के हॉल में जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरपर्सन डॉ. विशाखा त्रिपाठी पार्थिव शरीर रखा गया। देश-विदेश से आए अनुयायियों ने उनके अंतिम दर्शन कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद भजन कीर्तन के बीच शव यात्रा प्रेम मंदिर से शुरु होकर इस्कॉन मंदिर के सामने से श्यामाश्याम धाम पहुंची। यहां से अंतिम यात्रा में पीले वस्त्र पहने एक लाख से अधिक अनुयायी शामिल हुए। नाम आखों के साथ प्रभु का स्मरण करते हुए अनुयायी चल रह थे।


नगर के बांकेबिहारी बाजार, वनखंडी तिराहा, लोई बाजार, गोपीनाथ बाजार के साथ प्रमुख मार्गों से होते हुए मोक्ष धाम के समीप यमुना तट पहुंची। यहां विधिविधान से पूजन करने के बाद उनके बड़े भाई घनश्याम के बेटे रामानंद ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में चंदन, पीपल, गूलर, आम एवं तुलसी की लकड़ी और गाय का 315 शुद्ध देशी घी का प्रयोग किया गया।


शव यात्रा के दौरान जगह-जगह 1100 किलो गुलाब, गैंदा, रायबेर के फूल और मखाने बरसाए गए। शव यात्रा के मार्ग में जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात रहें। वहीं देशभर से आए अनुयायी और ब्रजवासियों ने भी तिराहे-चौराहों पर जमा होकर अंतिम यात्रा के दर्शन किए और पुष्प वर्षा की।


इससे पहले डॉ. विशाखा त्रिपाठी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आरबी शर्मा और पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय पहुंचीं। यहां दर्शन के बाद सभी ने विशाखा को श्रद्धांजलि अर्पित की। जानकारी के अनुसार अंतिम यांत्रा में देश के कोने-कोने से आए हजारों भक्तों के अलावा 12 देशों से भी अनुयायी शामिल हुए। इस बीच प्रेम मंदिर में अखंड भजन कीर्तन का क्रम जारी रहा।


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science