खबर शहर , UP: 'तुम तय करोगे हमारी फीस… फिर कर दी पिटाई' डॉक्टर विवाद के बाद सिपाही ने बताई पूरी कहानी – INA

डॉक्टर के सिर पर हथौड़े से हमला करने के आरोपी सिपाही पंकज कुमार ने कहा कि 3 अक्तूबर को उसने पत्नी व बेटे के साथ गोरखपुर पहुंचकर डॉक्टर अनुज सरकारी को दिखाया। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड की सलाह दी। रिपोर्ट लेकर पहुंचा तो डॉक्टर से कहा कि खलीलाबाद में 800 रुपये में ही अल्ट्रासाउंड हो जाता है, यहां पर 1100 रुपये लिए जा रहे हैं। 

इस पर डॉक्टर अनुज नाराज होकर गाली देने लगे। उन्होंने कहा-तुम हमारी फीस तय करोगे। डॉक्टर की तेज आवाज सुनकर बाहर से उसके कर्मचारी अंदर आ गए और सबने मिलकर उनकी पिटाई शुरू कर दी।

डॉक्टर पर हमले करने के आरोप में रविवार को जमानत पर जेल से बाहर आए पंकज कुमार सोमवार को अस्पताल में घटी घटना की आपबीती सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि 3 अक्तूबर को पत्नी व बच्चे के सामने बेरहमी से उनकी पिटाई की गई। 

पिटाई देख पत्नी अदिती और बेटा शिवम बिलखकर रो रहे थे। उनके सिर में दो जगहों पर चोटें आई। वह किसी प्रकार उनसे बचकर कैंट थाने पहुंचे और घटना की शिकायत की। पुलिस ने जिला अस्पताल ले जाकर मुलाहिजा (मेडिकल) कराया और बाद में घर भेज दिया। 


इस दौरान अस्पताल में उनकी पत्नी का दो साल से चल रहे इलाज की फाइल, आधार व पैन कार्ड छूट गया। पैन और आधार तो बन जाता, लेकिन इलाज की रिपोर्ट व डॉक्टरों की पर्ची नहीं बन पाती। वह दूसरे दिन 4 अक्तूबर को फाइल लेने अस्पताल पहुंचे। 


इस दौरान उसने पीआरवी बुलाई, ताकि कोई उसपर हमला न कर सके। पीआरवी के आने पर वह अस्पताल में पहुंचे। डॉक्टर की केबिन में अभी पहुंचे ही थे कि उन्होंने देखते ही कहा- मारो इसे यह दोबारा आ गया।


इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी और बाउंसर फिर पीटने लगे। पीआरवी के जवानों ने बचाने की कोशिश की तो उनकी भी पिटाई की गई। सूचना पर कैंट पुलिस पहुंची और उसे लेकर थाने लाई और मुलाहिजा कराया।


डॉक्टर को चोट कैसे लगी, मुझे नहीं पता
सिपाही ने कहा-अस्पताल से पुलिस मुझे थाने लेकर आई और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे डॉक्टर को चोट लगने की जानकारी हुई। डॉक्टर पर हथौड़े से हमला किसने किया, यह मैं नहीं देख पाया। लेकिन उसकी पिटाई का साक्ष्य तो अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में कैद है। फिर भी मुझे जेल भेज दिया गया।


जेल से बाहर आने के बाद भी सदमे में पूरा परिवार
अस्पताल में विवाद के बाद कैंट पुलिस ने 5 अक्तूबर को सिपाही पंकज कुमार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। तीन दिन पहले कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रविवार की सुबह 16 दिन बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद सिपाही अपने गांव संतकबीनगर जिले के खलीलाबाद इलाके के मंझरिया चला गया। सोमवार को पंकज के घर पहुंचने का सुकून पिता, पत्नी के चेहरे पर साफ दिखा। लेकिन, पूरा परिवार अभी इस घटना से सदमे में है।


पिटाई के बाद दोनों दिन कराया गया मुलाहिजा
सिपाही ने बताया कि अस्पताल में दोनों दिन उनकी पिटाई की गई। कैंट पुलिस ने जिला अस्पताल ले जाकर मुलाहिजा कराया। इसके बावजूद उनको सुनवाई नहीं हुई और उन्हें ही जेल भेज दिया गया। हमला करने वाले डॉक्टर उसके कर्मचारी व बाउंसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
 


डॉक्टर की पत्नी पर भी लगाया ललकारने का आरोप
सिपाही ने बताया कि पहले दिन 3 अक्तूबर को जब डॉक्टर के केबिन में उनकी पिटाई की गई तो डॉ. माधुरी सरकारी अस्पताल भी मौजूद थीं। सिपाही ने कहा-डॉ माधवी ने भी मुझे पीटने के लिए यह कहते हुए ललकारा कि यह डॉक्टर साहब से तेज आवाज में बात कर रहा है।


ये है विवाद
संतकबीरनगर जिले के रहने वाला पकंज कुमार यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात है। उनकी वर्तमान पोस्टिंग बलिया जिले में है। ड्यूटी से ज्यादा गैरहाजिर होने से सिपाही को निलंबित कर दिया गया। पंकज पत्नी की पेट की बीमारी से परेशान होकर गोरखपुर शहर के डॉ. अनुज सरकारी के छात्रसंघ चौराहे पर स्थित क्लीनिक पर दिखाने आया था। अल्ट्रासाउंड का 300 ज्यादा लेने पर डॉक्टर से कहासुनी हुई।

आरोप है कि सिपाही पंकज ने डॉक्टर को धक्का दे दिया। बाद में डॉक्टर के कर्मचारियों ने सिपाही की पिटाई कर कैंट पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया। अगले दिन सिपाही दोबारा डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचा। डॉक्टर पर हमले का आरोप लगाकर पीआरवी के दो अन्य सिपाहियों को बुला लिया। आरोप है कि अंदर जाने के बाद पास मौजूद झोले से हथौड़ा निकालकर डॉक्टर के सिर पर पंकज ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया।

डॉक्टर के स्टाफ ने सिपाही पंकज की पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया। कैंट पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।


Credit By Amar Ujala

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