खबर शहर , UP: बीमा कंपनी व कॉल सेंटर में बंटी-बबली ने सीखी ठगी, बैंकिंग ट्रांजेक्शन की ट्रेल से ठगों तक पहुंची पुलिस – INA

कानपुर में ब्रेक और लैप्स बीमा पॉलिसी के रिन्युवल व अन्य फायदे दिलाने का झांसा देने वाले बंटी और बबली ने लेदर कारोबारी मोहम्मद इस्माइल सैय्यद को ही नहीं, बल्कि कई और लोगों से लाखों की ठगी की। आरोपी पवन कुमार ने ठगी के धंधे में उतरने से पहले एक निजी बीमा कंपनी और नोएडा के एक कॉल सेंटर में नौकरी कर ठगी के गुर सीखे।

इसके बाद पत्नी को भी गुर सिखाए और धोखाधड़ी के काम में शामिल कर लिया। कुछ समय पहले ठगी का काम करने वाला कॉल सेंटर के कई लोगों को नोएडा पुलिस ने पकड़ा था, लेकिन पवन बच कर निकल गया था। डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पहले जस्ट डायल से लोगों के नंबर हासिल करते।


एक करोड़ से ज्यादा मैच्योरिटी वालों से हीं संपर्क
जिसकी बीमा की किस्त नहीं जमा हुई हो, उन्हीं से संपर्क करते थे, जिसकी मैच्योरिटी एक करोड़ से ज्यादा होती थी। चूंकि उनका निस्तारण लोकपाल करता है। ऐसे में वह इस कानून पेंच का लाभ लेकर लोकपाल के दस्तावेज और मोहरों का इस्तेमाल कर सेटलमेंट करने के नाम तो कभी फाइल चार्ज के नाम पर रुपये खाते में मंगवाते।


ऐसे करते थे वारदात
वर्ष 2019 में पवन और रेनू के प्रेम विवाह करने के बाद पवन ने बैंक के साथ ही साइड बिजनेस के नाम पर प्रॉपर्टी का काम करने की जानकारी रेनू को दी थी। जब रेनू को ठगी के साइड बिजनेस का पता चला, तो वह भी इस धंधे में पति की साथी बन गई। इसके बाद रेनू ने ही कई फर्जी खाते खुलवाए।


फर्जी खाते में जमा कराते थे रकम
सर्च इंजन से जानकारी जुटाकर पीड़ित से फोन पर संपर्क करते और लैप्स पॉलिसी से भी मुनाफा कमाने का झांसा देकर बातों में उलझाकर ठग लेते। ठगी की रकम फर्जी खाते में जमा कराते थे। इसके बाद यह रकम पवन अपने या किसी करीबी के खाते में ट्रांसफर करा लेता था।


हैदराबाद-अहमदाबाद के भी लोगों को बनाया शिकार
आरोपी बंटी और बबली के हैदराबाद और अहमदाबाद के अलावा कई और जगह में रहने वालों से ठगी करने के मामले सामने आए हैं। इनके बारे में जानकारी की जा रही है। क्राइम ब्रांच ने बंटी बबली के पास से ठगी में इस्तेमाल की गई डिवाइस भी बरामद की है।


जस्ट डायल देता था डाटा
पुलिस के मुताबिक आरोपी केवल पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी के नाम पर ठगी करते थे। डीसीपी ने बताया कि जस्ट डायल एक बार भी इस्तेमाल न हुआ डाटा 10 रुपये प्रति डाटा के हिसाब से देता है। वहीं, तीन से चार बार यूज किया हुआ डाटा चार रुपये और कई बार यूज किया गया डाटा एक रुपये प्रति डाटा की दर से उपलब्ध कराता था।


कार को बना रखा का कॉल सेंटर
आरोपी पवन ने अपनी कार को कॉल सेंटर बना रखा था। वह शिकार को जाल में फंसाने के लिए जब भी फोन करता, तो कार का इस्तेमाल करता था ताकि चलती कार में पुलिस उसकी लोकेशन न पकड़ सके। पवन ने पूछताछ में बताया कि पुलिस उसका नंबर तो ट्रेस कर लेती थी, लेकिन लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाती थी।


लोकेशन के इधर से उधर होने के बावजूद डटी रही पुलिस
पुलिस जब भी लोकेशन देखती तो कभी पवन की लोकेशन नोएडा, तो कभी गाजियाबाद अथवा किसी दूसरे शहर में आती। पुलिस के मुताबिक पवन ने एक बार पत्नी रेनू के खाते में रुपये मंगवा लिए। कॉल की लोकेशन नोएडा और अकाउंट का पता भी नोएडा मिला, तो पुलिस की टीम नोएडा पहुंच गई। कई दिन लोकेशन के इधर से उधर होने के बावजूद पुलिस डटी रही और आखिर में दोनों को धर दबोचा।


ये था पूरा मामला
चमड़ा कारोबारी की ब्रेक हो चुकी बीमा पॉलिसी का प्रीमियम दिलाने का झांसा देकर 41 लाख रुपये की ठगी गौतमबुद्धनगर में रह रहे बैंकर दंपती ने की थी। मामले की जांच कर रही कानपुर की क्राइम ब्रांच ने आरोपी दंपती को नोयडा से गिरफ्तार कर लिया। दोनों की पहचान मूल रूप से बलिया के नगरा थानाक्षेत्र के सेमरी गांव निवासी पवन कुमार और मऊ निवासी उसकी पत्नी रेनू के रूप में हुई है।


प्रीमियम दिलाने का झांसा देकर करते थे ठगी
पवन इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर है, जबकि रेनू आरबीएल बैंक में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर है। ये बंटी और बबली वर्तमान में गौरतबुद्धनगर नोएडा में रहकर सर्च इंजन जस्ट डायल से डाटा हासिल कर लोगों को उनकी ब्रेक या लैप्स हो चुकी पॉलिसी को रिन्यू कराकर प्रीमियम दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे।


11.34 लाख रुपये करा दिए फ्रीज
उनके पास से पुलिस ने एक क्रेटा कार, एक एटीएम कार्ड, स्वाइप मशीन, दो फर्जी आईडी, अलग-अलग फर्मों व विभागों की 12 फर्जी मोहरें, दो एंड्रायड फोन, दो की-पैड फोन, 1,06,000 नकद, 5.35 लाख रुपये कीमत के गहने बरामद किए हैं। वहीं, उनके बैंक खातों में मौजूद 11.34 लाख रुपये फ्रीज करा दिए हैं।


अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा लिए 41 लाख
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि ठगों ने जस्ट डायल से डाटा खरीदकर चकेरी के लाल बंगला निवासी चमड़ा कारोबारी मोहम्मद इस्माइल सैय्यद से संपर्क किया। कोविड काल में लैप्स हो चुकी उनकी एक करोड़ छह लाख की 10 पॉलिसियों का रिन्युवल कराकर प्रीमियम का भुगतान कराने की बात कहकर झांसा दिया और विभिन्न कारण बताकर 41 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराकर हड़प लिए।


अन्य शहरों के बीच आने-जाने के दौरान करते थे
बताया कि इस्माइल की शिकायत पर जांच कर पुलिस ने दंपती को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। दोनों वर्तमान में थाना बिसरख ग्रेटर नोयडा के ऑक्सी होम जीआर गार्डन-दो में रह रहे थे और पुलिस को झांसा देने के लिए ठगी काम काम अपनी क्रेटा कार में बैठकर अन्य शहरों के बीच आने-जाने के दौरान करते थे।


Credit By Amar Ujala

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