मुरादाबाद की कुंदरकी उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर में मुस्लिम मतों में बिखराव देखने को मिला। भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह सपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब होते दिखे। मुस्लिम इलाकों में भी वोटर भाजपा के साथ जाते दिखे।
वहीं कई गांवों में मुस्लिम मतदाता आजाद समाज पार्टी यानी आसपा और एआईएमआईएम के साथ गए। कुंदरकी उपचुनाव में 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें भाजपा, सपा, बसपा, आजाद समाज पार्टी, एआईएमआईएम समेत निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं।
करीब 65 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं वाली कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह को छोड़कर सभी उम्मीदवार मुस्लिम हैं। ऐसी स्थिति सभी प्रत्याशियों की नजर सपा के मुस्लिम मतदाताओं पर रही।
अपनी छवि के विपरीत भाजपा कई इलाकों में सपा के वोट बैंक में सेंध लगाती दिखी। विधानसभा क्षेत्र के रतनपुर कलां, कुंदरकी, हुसैनपुर अमीर, दलपतपुर, खाईखेड़ा, खबरिया भूड़ समेत अन्य मुस्लिम इलाकों में मतदाता भाजपा के समर्थन में दिखे।
यहां भाजपा के साथ दिखे मुस्लिम मतदाता मूंढापांडे ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय खाईखेड़ा केंद्र के बाहर मिले जाकिर अली ने मतदान पर खुलकर बात रखी। उन्होंने कहा कि गांव में मिश्रित आबादी है। यहां मुस्लिम मतदाता भाजपा के साथ भी हैं।
दलपतपुर ग्राम पंचायत भवन के मतदान केंद्र पर मिले सिराजुद्दीन ने बताया कि यह चुनाव सरकार चुनने के लिए नहीं है। भाजपा प्रत्याशी से विकास की उम्मीद है, इसलिए मुस्लिम वोटर उनके साथ हैं।
इन्होंने लगाई सपा के वोट बैंक में सेंध यही हाल विधानसभा क्षेत्र के रूपपुर, मिलक सिकरी, सैफपुर सिट्टू, कमालपुर फतेहाबाद, मझोली खास, ताहरपुर, लालपुर गंगवारी आदि गांवों का रहा। यहां भी मुस्लिम वोटर भाजपा के पक्ष में दिखे।
दूसरी ओर बसपा प्रत्याशी रफतउल्ला, आजाद समाज पार्टी के चांदबाबू और एआईएमआईएम के हाफिज वारिस ने भी सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने में सफलता हासिल की। इन उम्मीदवारों को भी मुस्लिम इलाकों में वोट मिले।
सेंधमारी के लिए मुस्लिमों को बनाया पन्ना प्रमुख – मुस्लिम मतों में सेंध लगाने के लिए भाजपा की मुस्लिम पन्ना प्रमुख की रणनीति काम आई। पार्टी ने मुस्लिम बहुल गांवों में मुस्लिम कार्यकर्ताओं को ही पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी सौंप दी थी। इसका असर मतदान केंद्रों पर भी देखने को मिला।
पिछले चुनाव में बसपा-एआईएमआईएम ने लगाई थी सेंध पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा और एआईएमआईएम ने सपा के वोट बैंक में सेंध लगाई थी। इसके बावजूद सपा उम्मीदवार जियाउर्रहमान बर्क 43 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। बसपा प्रत्याशी हाजी रिजवान को 42,742 और एआईएमआईएम को 14,251 वोट हासिल हुए थे।