खबर शहर , UP: रोशनी से पता चलेगी कानों की बीमारी, आईआईटी ने तैयार किया कर्ण परीक्षक, अप्रैल तक बाजार में मिल सकती है – INA

मुंह परीक्षक, भू परीक्षक के बाद रोशनी से कानों की बीमारी बताने वाली आईआईटी कानपुर की कर्ण परीक्षक डिवाइस अगले साल से बाजार में उपलब्ध होगी। यह डिवाइस सुनने की शक्ति को कम करने वाले आठ कारणों को खोजेगी। दिसंबर-2024 में तकनीक कंपनी को हस्तांतरित की जाएगी। वहीं, अप्रैल 2025 तक इसे बाजार में लाने की तैयारी है। इसकी मदद से मरीजों की जांच में आसानी होने के साथ ही डॉक्टरों को भी तत्काल रिपोर्ट मिल जाएगी।

अक्सर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में कान बहने, फंगस, सूजन समेत कई अन्य बीमारियां होती हैं। इनका पता लगाने के लिए उपकरणों को कान में डालना पड़ता है, इससे काफी दर्द होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम ने थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, थर्मल गन, ब्लड प्रेशर मॉनीटर की तरह कर्ण परीक्षक डिवाइस तैयार की है। इसमें एम्स पटना के डॉक्टरों का भी सहयोग लिया है। मोटी सुई की तरह दिखने वाली डिवाइस में कैमरा और लाइट लगी है। जिसे कान में दूर से दिखाने पर बीमारी की जानकारी मिल सकेगी। इसकी मदद से आठ तरह की वैक्स की जानकारी मिलेगी। इससे डॉक्टरों को बीमारी का पता लगाने में आसानी होगी।


कीमत करीब 20 हजार तक होने का अनुमान
आईआईटी की टीम व एम्स के डॉक्टरों ने अब तक पांच हजार से अधिक मरीजों के कान के रोगों से संबंधित रिपोर्ट तैयार की है। डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित है। प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि डिवाइस से ग्रामीण क्षेत्रों में कान के मरीजों की जांच करना आसान हो जाएगी। आशा वर्कर और एएनएम घर-घर जाकर परीक्षण कर सकेंगी। इसकी कीमत करीब 20 हजार तक होने का अनुमान है। हास्पिटल के अलावा डॉक्टर इसे अपनी क्लीनिक में रख सकेंगे। प्रो. जयंत ने कहा कि मुंह परीक्षक, भू परीक्षक के बाद यह बड़ी उपलब्धि होगा।

 


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science