राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद तहसील में तैनात एसडीएम के पूर्व पेशकार व उसके एक साथी के खिलाफ धोखाधड़ी व धमकाने का केस दर्ज किया गया है। आरोपी ने एक व्यक्ति से जमीन दिलाने के नाम पर 16 लाख रुपये ठगे थे। आरोपी तहसील कर्मचारी फिलहाल निलंबित चल रहा है।
रहीमाबाद भतोइया निवासी राघवेंद्र सिंह के मुताबिक वर्ष 2021 में मलिहाबाद तहसील में तैनात एसडीएम के पेशकार निर्भय सिंह से मुलाकात हुई थी। निर्भय ने उनको बताया कि उसका तबादला हो गया है और वह मोहान रोड स्थित तीन हजार वर्गफीट का प्लॉट बेच रहा है।
राघवेंद्र के मुताबिक जमीन की कीमत 800 रुपये प्रति वर्ग तय हुई। राघवेंद्र ने 16 लाख रुपये बतौर एडवांस भी दे दिए एडवांस दिए। बचे हुए आठ लाख रुपये बैनामे के वक्त देने की बात तय हुई। राघवेंद्र का आरोप है कि इसके बाद निर्भय का तबादला सदर तहसील हो गया। उन्होंने जब उससे रजिस्ट्री करने के लिए कहा तो टालमटोल करने लगा।
आरोपी ने अपना तबादला सरोजनीनगर तहसील करवा लिया
शक होने पर राघवेंद्र ने छानबीन की तो पता चला कि जिस जमीन को बेचने का सौदा निर्भय ने तय किया था, वह जमीन उसकी नहीं है। इस बात का पता चलने पर पीड़ित ने निर्भय सिंह से अपने रुपये वापस मांगने शुरु किए तो वह आए दिन उनको टालने लगा। इसके बाद आरोपी ने अपना तबादला सरोजनीनगर तहसील करवा लिया। पीड़ित रुपये वापसी के लिए लगातार चक्कर लगाता रहा पर आरोपी ने रुपये वापस नहीं किए।
इस बीच उसको पेशकार के पद से हटाते हुए राजस्व वसूली विभाग में तैनाती दे दी गई और उसको फिर से मलिहाबाद तहसील पोस्ट कर दिया गया। आरोप है कि निर्भय सिंह व उसके साथी मनीष तिवारी ने रुपये वापस मांगने पर उनके साथ हाथापाई करते हुए धमकी भी दी।
निलंबित चल रहा आरोपी
पीड़ित ने डीसीपी पश्चिम से मिलकर शिकायत की। डीसीपी के आदेश पर 20 नवंबर को निर्भय और मनीष के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर मलिहाबाद सतीश चंद्र साहू ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। आरोपी निर्भय सिंह मौजूदा समय में निलंबित चल रहा है।