शहर में घट रही हरियाली को रोकने के लिए वन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। विभाग अब पेड़ काटने के बदले पैसे न लेकर सड़क के दोनों किनारे तीन-तीन मीटर जमीन लेगा। इसके बाद ही किसी भी विभाग को पेड़ काटने की अनुमति मिलेगी।
अभी तक विभागों की ओर से एक पड़े काटने के बदले दस पौधे का दाम लेकर उनको एनओसी दिया जाता था। वन विभाग ने इसको लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा है। वन विभाग के इस प्रस्ताव को डीएम और कमिश्नर की ओर से मंजूरी भी मिल चुकी है।
वन विभाग अभी तक पेड़ के बदले चौड़ीकरण करने वाले विभाग से पैसा ले लेता था, लेकिन उन्हें पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं मिलती थी। नगर निगम, पीडब्ल्यूडी आदि विभाग रोड बनाने और चौड़ा करने के नाम पर वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति मांगते हैं। अब से जब भी विभाग पेड़ काटने के लिए पत्र देगा तो उसमें रोड के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए तीन-तीन मीटर जमीन वन विभाग को देने की जानकारी लिखी होगी। इस भूमि पर वन विभाग द्वारा हरियाली, फूल, औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
इसके अलावा आम लोग भी पेड़ काटने की अनुमति मांगते हैं तो उसे भी बताना पड़ेगा कि पेड़ काटने के बाद कहां लगाएंगे। जमीन के बारे में भी वन विभाग को जानकारी देनी पड़ेगी। शहर में वन विभाग को पौधा रोपण करने के लिए जमीन नहीं मिल रही है। इसके लिए विभाग के सामने पौधरोपण करने की बड़ी समस्या खड़ी हो रही है।
बोले अधिकारी
पेड़ काटने के बदले पैसा न लेकर जमीन लेने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्थानीय स्तर पर इसे डीएम और कमिश्नर से मंजूरी मिल चुकी है। जमीन न होने के चलते वन विभाग पौधरोपण नहीं कर पा रहा है। – प्रवीण खरे, प्रभागीय वनाधिकारी, वाराणसी