ग्लोबल साउथ को साझा चिंताओं के लिए एकजुट होना चाहिए: भारत

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने मंगलवार को ‘अनिश्चित दुनिया में लचीलापन और विकास को बढ़ावा देना’ विषय पर आयोजित आम बहस में भारत का वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने अनिश्चित समय में लचीलेपन और विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्लोबल साउथ कई संकटों से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। भारतीय राजदूत ने अंतरराष्ट्रीय मंच से ग्लोबल साउथ (विकासशील एवं गरीब देश) की सबसे कमजोर आबादी पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से भारतीय राजदूत के वक्तव्य का एक वीडियो साझा किया। भारतीय मिशन ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि राजदूत हरीश ने ग्लोबल साउथ के लिए भारत की प्राथमिकता पर प्रकाश डाला और अल्पविकसित देशों को अपनी समस्याओं के निवारण के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

राजदूत के हवाले से पोस्ट में लिखा गया वैश्विक दक्षिण कई संकटों से असमान रूप से प्रभावित हुआ है। डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए, भारत विकासशील दुनिया के लिए अनुकरणीय डिजिटल टेम्पलेट बनाने का प्रयास कर रहा है। वैश्विक दक्षिण को अपनी साझा चिंताओं को आवाज देनी चाहिए और साझा हितों के इर्द-गिर्द एकजुट होना चाहिए। भारत ने वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन आयोजित किए हैं और इसके मुद्दों पर प्रकाश डाला है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, सीडीआरआई, आईएसए, मिशन लाइफ आदि के माध्यम से जलवायु कार्रवाई पर बात की। वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत ने ‘समावेशी विकास’ एवं ‘समावेशी वैश्विक शासन’ की जरूरत पर बल देते हुए ग्लोबल साउथ, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को सामने रखते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित किया है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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