चंदौली में घटिया निर्माण सामग्री से भड़के डिप्टी सीएम: चवन्नी तक की रिकवरी कराऊंगा
जिला चंदौली ब्यूरो चीफ अशोक कुमार जायसवाल
चंदौली, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को चंदौली के महेवा में निर्माणाधीन ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें निर्माण कार्य में व्यापक अनियमितताएँ और घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग देखकर गहरा आक्रोश हुआ। उन्होंने कार्यदायी संस्था को कड़ी फटकार लगाते हुए सरकारी धन की पूरी वसूली का आदेश दिया।
उप मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य में प्रयुक्त ईंटों की गुणवत्ता पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह सरकारी धन की बर्बादी का एक स्पष्ट उदाहरण है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पाठक ने कहा, “यह चवन्नी तक की रिकवरी कराई जाएगी। इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
निरीक्षण के दौरान पाठक ने पाया कि निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही ईंटें बेहद निम्न स्तर की हैं और निर्माण कार्य में मानकों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कार्यदायी संस्था के इंजीनियर को मौके पर ही फटकार लगाई और चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं होगी।
उप मुख्यमंत्री ने मुख्य विकास अधिकारी को तत्काल प्रभाव से कार्यदायी संस्था को ब्लैकलिस्ट करने और निर्माण में हुई सभी खामियों को तुरंत सुधारने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धन आवंटित करती है ताकि जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें, लेकिन इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार से सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को भविष्य में निर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पाठक ने इस अवसर पर अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे निर्माण कार्यों में पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार जनता के हित में काम कर रही है और विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ट्रामा सेंटर के निरीक्षण के बाद उप मुख्यमंत्री कठौरी स्थित गौ आश्रय केंद्र भी गए। उन्होंने वहां की व्यवस्था का जायजा लिया और गौवंश की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौवंश की देखभाल के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह घटना उत्तर प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है। उप मुख्यमंत्री का कड़ा रुख यह संकेत देता है कि सरकार भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। आने वाले समय में देखना होगा कि इस घटना के बाद क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाता है। इस घटना से सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों में एक सन्देश गया है कि विकास कार्यो में लापरवाही और भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है।