जर्मनी के चांसलर की भारत यात्रा: मोदी से मुलाकात, अहम समझौतों पर बनी सहमति, भारतीयों के लिए जर्मनी ने शिक्षा से लेकर रोजगार होगा आसान #INA
भारत और जर्मनी के बीच संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हुए जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई उच्चस्तरीय वार्ता में कई अहम समझौतों और सहयोग के प्रस्तावों पर सहमति बनी. इस वार्ता में दोनों देशों ने शिक्षा, रक्षा, तकनीकी, हरित ऊर्जा और आपसी सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.
प्रमुख समझौते और सहयोग क्षेत्र
इस मुलाकात का मुख्य आकर्षण विभिन्न क्षेत्रों में किए गए समझौते थे, जिनसे भारत और जर्मनी के रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिली. प्रमुख क्षेत्रों में हुए समझौते इस प्रकार हैं:
1. हरित ऊर्जा और जलवायु संरक्षण
भारत और जर्मनी ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपने सहयोग को और सशक्त बनाने के लिए “इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन रोडमैप” लॉन्च किया है. इस पहल के तहत, दोनों देश हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश, और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति पर एकजुट होंगे.
2. रक्षा और सुरक्षा
भारत-जर्मनी के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और व्यापक करने पर जोर दिया गया. दोनों देशों ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के खतरों से निपटने के लिए साझा सुरक्षा रणनीति को बढ़ावा देने पर सहमति जताई. साथ ही, जर्मनी ने भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण में “मेक इन इंडिया” पहल के तहत सहयोग का आश्वासन दिया.
3. व्यापार और आर्थिक सहयोग
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत-जर्मनी CEO फोरम का आयोजन किया गया, जिसमें दोनों देशों के उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने भाग लिया. इस फोरम में भारत के MSMEs को मजबूती देने और जर्मनी की तकनीकी क्षमताओं के जरिए “मेक इन इंडिया” को प्रोत्साहन देने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
4. शिक्षा और अनुसंधान
शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी और भारत ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई. इसके तहत भारतीय और जर्मन विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त अनुसंधान, स्टूडेंट एक्सचेंज और “वॉटर सिक्योरिटी एंड ग्लोबल चेंज” जैसे मास्टर्स कार्यक्रम को संचालित करने पर सहमति बनी.
5. माइग्रेशन और रोजगार
दोनों देशों ने माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट (MMPA) के तहत कुशल प्रवासियों के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा देने पर सहमति जताई. इस समझौते के तहत भारतीय युवाओं और पेशेवरों को जर्मनी में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे.
पिछले 10 सालों में जर्मनी में भारतीयों की तादाद डबल हो चुकी है चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या रोजगार.
आर्थिक निवेश और सहयोग की प्रतिबद्धता
इस शिखर वार्ता के दौरान, जर्मनी ने भारत में 3.2 बिलियन यूरो के निवेश का आश्वासन दिया. यह निवेश हरित ऊर्जा, सतत शहरी परिवहन, और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में मजबूती आएगी और भारत के विकासशील क्षेत्रों को लाभ मिलेगा.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने वैश्विक मंचों पर एक दूसरे का समर्थन करने का संकल्प लिया. जर्मनी ने भारत की स्थायी सदस्यता के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के प्रयासों का समर्थन किया. साथ ही, दोनों देशों ने वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु संकट, आतंकवाद और आपदा न्यूनीकरण पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में ठोस पहल की.
सांस्कृतिक और जन-जन संबंध
चांसलर शोल्ज ने भारतीय संस्कृति की तारीफ करते हुए दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूत करने की बात कही. भारतीय और जर्मन संस्थानों के बीच हिंदी और जर्मन भाषा शिक्षण को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी उल्लेख किया गया.
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