तबादला, टेंडर और खरीददारी मे अनियमितता पाये जाने के बाद भी सीएमओ के खिलाफ नही हुई कोई कार्रवाई

🔴सीएमओ का पौवा भारी, जमे है अंगद की पाव की तरह

Table of Contents

कुशीनगर। अपने कारगुजारियों को लेकर हमेशा चर्चा मे रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिले के हुम्करान डाक्टर सुरेश पटारिया का पौवा बहुत भारी है। भ्रष्टाचार मे लबालब अवैध तरीके से धन अर्जित करने के बावजूद जिले मे अंगद की पांव की तरह जमे हुए है। बीते माह शासन ने कुछ सीएमओ को स्थानांतरित किया था  उम्मीद जताई जा रही थी कि भ्रष्टाचार मे लिप्त डाॅ. सुरेश पटारिया का भी जिले से बोरिया-बिस्तर बध जायेगा लेकिन ऐसा नही हुआ है। ऐसी चर्चा है कि सीएमओ खुद को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को अपना मित्र बताते है इस लिए इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। 

कहना न होगा कि वर्ष 2022 सितम्बर माह में पडरौना सदर विधायक मनीष जायसवाल ने विधानसभा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुरेश पटारिया के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी।

🔴 तीन सदस्यीय टीम गठित 

विधायक द्बारा विधानसभा में मामला उठाये जाने के बाद अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। जांच समिति के अध्यक्ष संयुक्त निदेशक डा. बीएमराव, एसीएमओ गोरखपुर डा. एके चौधरी को सचिव और मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोरखपुर कार्यालय के डीएओ सुशील कुमार को सदस्य नामित किया गया था।

🔴बड़े पैमाने पर तबादले के खेल में पकड़ा गड़बड़झाला

विधायक की ओर से सीएमओ के खिलाफ की गई शिकायत की जाचोपरांत जांच टीम ने तमाम अनियमितता पकडी। टीम द्वारा जांच रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि सीएमओ द्वारा अपने अधीन कार्यरत डार्करुम सहायकों, एक्सरे टेकनिशियन, लैब टेकनिशियन  प्रयोगशाला, सहायकों, फार्मासिस्ट, एएनएम ,एनएमए व एनएमएस  नेत्र परीक्षण अधिकारी सहित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण अथवा पटल परिवर्तन किया गया है। इन पटल परिवर्तनों को जांच समिति ने नियम विरुद्ध बताते हुए कहा है कि इतने बड़े स्तर पर किए जा रहे तबादलों पर उच्चाधिकारियों का मार्गदर्शन या उनसे संस्तुति ली जानी चाहिए थी।

🔴 टेंडर और खरीद में भी अनियमितता आयी सामने

वर्ष 2022–23 में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किए गए सामानों की खरीद के विषय पर जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में बड़े घोटाले का संकेत दिया था। किसी भी खरीदारी में जीएसटी की कटौती नहीं होने, पूरे वर्ष मे सिर्फ एक टेंडर का निकाले जाने और उसमे भी निविदा प्राप्त करने वाले का कोई डाक्यूमेंट नहीं लगाया जाना पाया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में मद अनुसार निर्धारित समानों की खरीद नहीं होने के साथ ही जेम पोर्टल के माध्यम से हुई खरीदारी में भी व्यापक गड़बड़ी की बात अपनी रिपोर्ट में लिखी है। अन्त में समिति ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट में खरीदारी से संबंधित प्रपत्रों का रखरखाव नहीं किया गया है लिखा था। 

🔴 नही हुई कोई कार्रवाई 

बतादे कि तीन सदस्यीय जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की संस्तुति भी की है। उच्चस्तरीय जांच की संस्तुति की खबर के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। लेकिन जांच के बाद भी सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नही हुआ। 

🔴 सीएमओ नही कर सकते है नंदलाल के खिलाफ कोई कार्रवाई 

 चर्या-ए-सरेआम है कि पडरौना नगर में संचालित कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर व बुद्धा हास्पिटल के संचालक डाँ. नंदलाल कुशवाहा खुद को सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया समेत जिले के तमाम अधिकारियों को अपना दोस्त बताते हुए सीएमओ का स्थानांतरण रोकवाने का दावा करते है। इन चर्चाओ मे कितनी सच्चाई है यह निष्पक्ष जांच का विषय है। लेकिन विदेश जाने वाले युवाओं का अवैध तरीके से मेडिकल रिपोर्ट जारी करने का मामला उजागर होने के बावजूद सीएमओ द्वारा कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर व उसके संचालक के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नही करना इन दोनो के बीच गहरी यारी को प्रदर्शित करता है। इतना नही बुद्धा हास्पिटल और कुमकुम डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ तमाम शिकायको के बावजूद आज तक सीएमओ ने कभी बुद्धा हास्पिटल व कुमकुम डायग्नोस्टिक सेंटर की न तो कभी जांच की और न ही कभी कोई कार्रवाई किया, जबकि बुद्धा हास्पिटल व कुमकुम डायग्नोस्टिक पर न सिर्फ तमाम कमियां है बल्कि गाइड लाइन को भी अनदेखा किया गया है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News