दिल्ली – Old Vehicles: दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2,200 से अधिक पुराने वाहन जब्त, जानें डिटेल्स – #INA

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दिल्ली परिवहन विभाग ने 1 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच 2,234 ओवरएज व्हीकल्स (जिन वाहनों की उम्र ज्यादा हो गई है) को जब्त किया है। यह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से चल रहे अभियान का हिस्सा है। पिछले महीने शुरू किए गए इस कदम का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में खराब होती वायु गुणवत्ता का हल निकालना है। जिसके कारण सरकार को पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के तीसरे और चौथे चरण को लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।


ये वाहन जब्त
दिल्ली परिवहन विभाग ने खुलासा किया है कि जब्त किए गए ओवरएज वाहनों में 260 डीजल चार पहिया वाहन शामिल हैं जो 10 साल से ज्यादा पुराने हैं। इसके अलावा, इसने 1,156 पेट्रोल दोपहिया वाहन और 818 पेट्रोल तीन पहिया वाहन और चार पहिया वाहन भी जब्त किए हैं, जो सभी 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने कहा, यह अभियान दिसंबर तक जारी रहेगा और पर्यावरण नियमों को लागू करने और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।


एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू
ओवरएज वाहनों पर कार्रवाई के साथ-साथ, दिल्ली परिवहन विभाग ने जब्त वाहनों को स्क्रैप करने, वापस लेने या बेचने की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है। इसका दावा है कि यह प्लेटफॉर्म स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए बनाया गया है। जिससे वाहन मालिकों को ऐसे वाहनों के प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसीड्यूर) मिल सके।


दिल्ली हाईकोर्ट ने की सख्ती
दिल्ली परिवहन विभाग ने पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) को निर्देश जारी किए हैं कि वे एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों को संभालने के लिए 2024 के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। जैसा कि हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में अनिवार्य किया गया है। इसने . कहा कि आदेश का पालन न करने पर कार्यक्रम से बाहर रखा जा सकता है।


सुप्रीम कोर्ट का आदेश
राष्ट्रीय राजधानी में ओवरएज वाहनों के खिलाफ यह अभियान 2018 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद चलाया जा रहा है, जिसमें दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके अलावा, 2014 के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश में भी सार्वजनिक स्थानों पर 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की पार्किंग पर रोक लगाई गई है। दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार, दिल्ली में अब तक 55 लाख से अधिक ओवरएज वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है।


Credit By Amar Ujala

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