दुनियां – अमेरिका के वो 5 राष्ट्रपति, जिन्हें जनता ने नकारा पर फिर भी जीत गए… पर कैसे? – #INA

दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों में से एक कहे जाने वाले अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति चुनाव हैं. लोकतंत्र में तो वैसे आम जनता मतदान करके अपने प्रतिनिधियों को चुनती है, जिसके बाद बहुमत हासिल करने वाली पार्टी सरकार बनाती है. लेकिन अमेरिका में मामला थोड़ा अलग और पेचीदा है.
अमेरिका में राष्ट्रपति को जनता सीधे नहीं चुनती. बल्कि यह चीज इलक्टोरल कॉलज के जरिए तय होती है. 538 में से 270 वोट लाने होते हैं प्रेसिडेंट बनने के लिए. यहीं पर खेल होता है. ये इलेक्टर्स जनता के किसी कैंडिडेट को वोट देने के बावजूद किसी और को भी जिता सकते हैं. इसलिए 2024 के चुनावी नतीजों में यह भी मुमकिन हो सकता है कि जिसे आम लोगों के सबसे ज्यादा वोट मिलें (पॉपुलर वोट) उसे जीत हासिल न हो.
अमेरिका में अब तक 59 राष्ट्रपति चुनाव हो चुके हैं. जिसमें से चुनाव जीतने वाले 53 लोग इलेक्टोरल कॉलेज और पॉपुलर वोट दोनों ही जीतकर राष्ट्रपति की कुर्सी पर काबिज हुए. मगर 5 बार ऐसा भी हो चुका है जब राष्ट्रीय स्तर पर किसी उम्मीदवार ने सबसे ज्यादा वोट (पॉपुलर वोट) हासिल किए लेकिन इलेक्टर्स या इलेक्टोरल कॉलेज ने किसी और को ही राष्ट्रपति बना दिया.
इन 5 राष्ट्रपति के नाम हैं- जॉन क्विंसी एडम्स, रदरफोर्ड बी. हायेस, बेंजामिन हैरिसन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और डोनाल्ड ट्रम्प.
1. जॉन क्विसी एडम्स (1825-1829)
1824 का राष्ट्रपति चुनाव 26 अक्टूबर 1824 हुआ था. दोनों पार्टियों यानी डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन से दो-दो उम्मीदवार मैदान में थे. इनके नाम थे- एंड्रयू जैक्सन, जॉन क्विसी एडम्स, विलियम क्रॉफर्ड और हेनरी क्ले.
वोटों के मिलान के बाद जो नतीजे सामने थे उसके मुताबिक एंड्रयू जैक्सन को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट तो मिले ही थे साथ ही तीनों उम्मीदवारों के मुकाबले इलेक्टोरल वोटों की संख्या में भी उन्हीं की ज्यादा थी. जैक्सन ने 99 इलेक्टोरल वोट हासिल किए थे. मगर बहुमत के लिए चाहिए था कुल 131 वोट यानी जैक्सन 32 वोट दूर थे. बाकी तीन कैंडिडेट्स- एडम्स को 84, क्रॉफर्ड को 41 तो हेनरी क्ले को 37 इलेक्टोरल वोट्स मिले.
अब चुंकि चारों उम्मीदवार ही राष्ट्रपति बनने के लिए जरुरी संख्या से काफी पीछे थे तो मामला हाउस ऑफ रिप्रेंजेंटेटिव्स के पास भेजा गया. ये हाउस बिल पेश करने और अफसरों को चुनने के लिए होता है. अगर प्रेसिडेंट के इलेक्शन में कोई बहुमत नहीं ला पाता है तो ये लोग ही चुनते हैं वोट कर के.
संविधान के 12वें संशोधन के मुताबिक, टॉप 3 कैंडिडेट चुने गए. उनके नाम पर वोटिंग हुई. और ये स्टेट के आधार पर हुआ. हर स्टेट का एक वोट. उस वक्त अमेरिका में 24 राज्य ही थे तो प्रेसिडेंट बनने के लिए आधे से ज्यादा यानी 13 वोट की जरुरत थी.हेनरी क्ले के पास 37 इलक्टोरल वोट ही थे तो वो दौड़ से बाहर हो गए. हाउस में वोटिंग हुई तो एडम्स को राष्ट्रपति चुन लिया गया.
2. रदरफोर्ड बी. हायेस (1877-81)
1876 का राष्ट्रपति चुनाव अमेरिकी इतिहास में सबसे विवादास्पद रहा है. यहां भी वर्ष 1824 की तरह ही मामल उलझा. वोटर्स के बजाय कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनना पड़ा. मैदान में आमने-सामने थे रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से रदरफोर्ड बी. हायेस और डेमोक्रेट्स की तरफ से सैम्युअल टिल्डेन.
वोटों की गिनती के बाद टिल्डेन को 42 लाख पॉपुलर वोट मिले. वहीं हायेस को 40 लाख. टिल्डेन को 184 इलेक्टोरल वोट (तब बहुमत से एक कम) मिले. वहीं हायेस को 165 वोट मिले. 20 वोटों पर पर विवाद था. ये 20 चुनावी वोट चार राज्यों के थे; फ्लोरिडा (4 वोट), लुइसियाना (8 वोट), दक्षिण कैरोलिना (7 वोट), ओरेगन (1). दोनों पार्टियों ने दावा किया था कि उनके उम्मीदवारों ने राज्यों में जीत हासिल की है.
इन 20 वोटों को किसके खाते में जाना चाहिए इस पर मामला ऐसा फंसा कि कांग्रेस को बीच में आना पड़ा. कांग्रेस ने एक 15 मेंबर का एक कमिशन बनाया. कमिशन में 8 मेंबर्स रिपब्लिकन थे और 7 डेमोक्रेटिक.
कमिशन ने 20 वोट हायेस को दे दिए. वे सिर्फ एक वोट से चुनाव जीत गए. अब यहां सवाल उठना लाजिमी है कि कमिशन ने आखिर क्यों हायस को राष्ट्रपति बनाया जब वो खुद पॉपुलर और इलेक्टोरल वोट दोनों हार गए थे? कुछ राजनीतिक इतिहासकार मानते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच एक सीक्रेट डील के तहत हायेस प्रेसिडेंट बने.
3. बेंजामिन हैरिसन (1889-93)
इस चुनाव में मुकाबला प्रेसिडेंट ग्रोवल क्लीवलैंड और रिपब्लिकन कैंडिडेट बेंजामिन हैरिसन के बीच था. दोनों पार्टियों पर आरोप लगे कि उन्होंने नोट के बदले वोट जैसा गलत काम किया. यानी मतदाताओं को पैसे देकर वोट खरीदे. दक्षिणी राज्यों में डेमोक्रेट्स जबकि पूर्व और पश्चिम में रिपब्लिकन्स को जीत मिली.
क्लीवलैंड को हैरिसन से 90 हजार पॉपुलर वोट ज्यादा मिले. लेकिन, इलेक्टोरल वोट हैरिसन को 233 जबकि क्लीवलैंड को सिर्फ 168 मिले. हैरिसन अमेरिका के 23वें राष्ट्रपति बने.
4. जॉर्ज डब्ल्यू बुश (2001-2009)
बेंजामिन हैरिसन का इतिहास पूरे 112 साल बाद दोहराया गया. वो साल था 2000 का. महीना था नवंबर का जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले गए.मुकाबला था रिपब्लिकन जॉर्ज डब्ल्यू बुश और डेमोक्रेट अल गोर के बीच.
अल गोर बिल क्लिंटन के दौर में वाइस प्रेसिडेंट थे. तीन राज्यों- ओरेगन, न्यू मैक्सिको और फ्लोरिडा में मामला फंस गया. फ्लोरिडा में तो दूसरी बार वोटों की गिनती हुई. विवाद ऐसा बढ़ा कि पहले इसकी सुनवाई फ्लोरिडा कोर्ट में हुई. वहां बात नहीं बनी तो बात सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंची.
9 में से 5 जज बुश और 4 अल गोर के पक्ष में रहे. इलेक्टोरल कॉलेज में 271 वोट बुश और 266 अल गोर को मिले. हालांकि, पॉपुलर वोट 5 लाख से ज्यादा अल गोर के पाले में गए.
5. डोनाल्ड ट्रम्प (2016-20)
2016 के चुनाव में रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट कैंडिडेट हिलेरी क्लिंटन के बीच मुकाबला था. चुनाव से पहले हुए सर्वे हिलेरी क्लिंटन के जीतने की संभावन 90 फीसदी तक बता रहे थे.
जब वोटों का मिलान हुआ था तो पॉपुलर वोट के मामले में डोनाल्ड ट्रम्प काफी पीछे थे. डेमोक्रेट कैंडिडेट हिलेरी क्लिंटन को ट्रम्प से 28 लाख ज्यादा पॉपुलर वोट हासिल हुए. कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया.
लेकिन, विस्कॉन्सिन, पेन्सिलवेनिया और मिशिगन जो कि स्विंग स्टेट्स की कैटगरी में आते हैं, वहां कम अंतर से ही सही ट्रम्प क्लिंटन से आगे निकल गए.
उसके बाद इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती हुई. जो नतीजे सामने थे उसके मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प को 304 जबकि हिलेरी को महज 227 वोट मिले. और यहीं ट्रंप बाजी मार गए.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

Table of Contents

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News