दुनियां – अमेरिकी चुनाव का मजाक उड़ाते रहे हैं खामेनेई, लेकिन इस बार मुंह पर क्यों रखी है उंगली? – #INA

पूरी दुनिया में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा है. दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क में हो रहे चुनाव पर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने चुप्पी साध रखी है, जो हैरान करने वाला है. इससे पहले तक अमेरिका में जब भी राष्ट्रपति चुनाव हुए खामेनेई ने अपनी प्रतिक्रिया जरूर दी. वह अमेरिकी चुनाव का मजाक भी उड़ा चुके हैं. वह डिबेट तक की आलोचना कर चुके हैं.
अमेरिका और ईरान के बीच 36 का आंकड़ा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप और खामेनेई के बीच लड़ाई जगजाहिर है. चुनावों में एक ओर ट्रंप जहां मजबूत होकर सामने आ रहे हैं तो खामेनेई अपने मुल्क में कमजोर हुए हैं. उनका देश इजराइल से तनाव का सामना कर रहा है. ईरान में आर्थिक संकट भी है. ईरान के प्रॉक्सी संगठन हिजबुल्लाह और हमास भी कमजोर हुए हैं.
35 साल का शासन और 8 राष्ट्रपति चुनाव
खामेनेई 1989 में ईरान के सुप्रीम लीडर बने. तब से अमेरिका में राष्ट्रपति के 8 चुनाव हुए हैं. खामेनेई ज्यादातर मौकों पर अमेरिकी चुनाव की आलोचना किए हैं. वह वहां की दोनों बड़ी पार्टियों डेमोक्रेटिक और रिप्बिल्किन का मजाक उड़ा चुके हैं. खामेनेई अमेरिकी राष्ट्रपतियों को मूर्ख और जोकर तक करार चुके हैं. खामेनेई के सुप्रीम लीडर बनने के बाद अमेरिका में राष्ट्रपति का पहला चुनाव 1992 में हुआ था.
पद पर नए-नए होने के कारण उन्होंने तब ज्यादा कुछ नहीं कहा था. लेकिन 1996 में जब अमेरिकी चुनाव हुए तब खामेनेई काफी मुखर थे. तब उन्होंने अमेरिकी लोकतंत्र की आलोचना की थी. अपने पसंदीदा लेखक, हॉवर्ड फास्ट का संदर्भ देते हुए खामेनेई ने अमेरिकी चुनावों का विश्लेषण किया था.
फास्ट के उपन्यासों संभवतः द इमिग्रेंट्स का हवाला देते हुए उन्होंने अमेरिका में वामपंथियों, समाजवादियों और कम्युनिस्टों के दमन की निंदा की थी. उन्होंने कहा, उनके कुछ उपन्यासों का फारसी में अनुवाद किया गया है. वामपंथियों के बारे में चौंकाने वाली जानकारी जानने के लिए उन्हें पढ़ें. चुनाव के एक महीने बाद, 6 दिसंबर 1996 को खामेनेई ने फिर से छात्रों के साथ अमेरिकी चुनावों पर चर्चा की. उन्होंने चुनाव प्रक्रिया का विश्लेषण करने के लिए हॉवर्ड फास्ट का हवाला दिया.
2000 में क्या कहा?
खामेनेई के नेतृत्व में अगला अमेरिकी चुनाव 7 नवंबर 2000 को हुआ, जिसमें जॉर्ज डब्ल्यू बुश की जीत हुई. इस समय तक खामेनेई ने अपना दृष्टिकोण बदल दिया था और मई 2000 में टिप्पणी की थी, मैं किसी कट्टर मुस्लिम लेखक को कोट नहीं कर रहा. मैं पश्चिमी लोगों को कोट कर रहा हूं. मैं लेखकों का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन अमेरिकी लेखक बताते हैं कि नगर परिषदों, कांग्रेस और राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कैसे संचालित होते हैं. इसे देखने वाला कोई भी व्यक्ति कहेगा कि जनता की राय की लगभग कोई भूमिका नहीं है.
जुलाई में उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक में अमेरिकी चुनावों को फिर से संबोधित किया. इस दौरान खामेनेई ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी से कहा था कि पश्चिमी देशों में एक ग्रुप पार्टी के निर्देशानुसार वोट देता है और यही इसका अंत है. उन्होंने आगे कहा, यहां (ईरान) लोग अपने अधिकारियों से प्यार करते हैं. यहां सिर्फ वोट का संबंध नहीं है.
सितंबर 2000 में खामेनेई ने अमेरिका की किताबों का हवाला देते हुए कहा कि चुनावों में मीडिया की क्या भूमिका होती है, ये जानने के लिए आप इन किताबों को पढ़िए. जानिए शहर और गवर्नर के चुनाव कैसे संचालित होते हैं. जब राष्ट्रपति और कांग्रेस के चुनावों की बात आती है तो पैसा मुख्य भूमिका निभाता है. लोगों को दरकिनार कर दिया जाता है. ये कोई सच्चा लोकतंत्र नहीं है.
दिसंबर 2000 में खामेनेई ने अमेरिकी लोकतंत्र की आलोचना से परेशान लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ये हमारे शब्द नहीं हैं. हम जो बातें कर रहे हैं वो अमेरिकी किताबों के हवाले से है. ये बातें पक्षपाती नहीं हैं. हां किताबों में लेखक दावा करते हैं कि लोगों के वोट मायने रखते हैं, लेकिन वास्तव में वे ऐसा नहीं करते.
‘बदलाव के लिए ओबामा को वोट’
2012 में खामेनेई ने 2008 में ओबामा की जीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ओबामा बदलाव का दावा करके सत्ता में आए थे. अमेरिका के लोग ओबामा को नहीं चाहते थे, लेकिन उन्हें बदलाव की उम्मीद करते हुए उन्हें वोट दिया.
इसके बाद अमेरिका में राष्ट्रपति का अगला चुनाव 2016 में हुआ. टक्कर डोनाल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के बीच थी. खामेनेई ने तब कहा कि कुछ महीनों में अमेरिका अपना प्रशासन बदल देगा, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि अगला प्रशासन पिछली प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा.
ट्रंप की धमकी का दिया जवाब
14 मई 2016 को उन्होंने ईरान परमाणु समझौते से हटने की ट्रंप के अभियान की धमकी का जवाब देते हुए कहा, हम समझौते का उल्लंघन नहीं करेंगे, लेकिन अगर वे इसे तोड़ते हैं, तो हम इसे जला देंगे. चुनाव से दो हफ्ते पहले खामेनेई ने अमेरिकी डिबेट पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति चुनाव को देखो, यह दो लोगों तक सीमित है. उनकी बहस देखें. वे एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. इन दोनों में से कोई एक राष्ट्रपति बनेगा. ट्रंप की जीत के बाद खामेनेई ने टिप्पणी की, अमेरिका अमेरिका है. किसी भी पार्टी ने हमें कभी फायदा नहीं पहुंचाया. हम शोक या जश्न नहीं मनाते.
अमेरिकी चुनावों पर खामेनेई की आखिरी टिप्पणी 20 नवंबर, 2022 को आई. उन्होंने कहा कि हर अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमसे लड़ाई की है. कुछ गायब हो गए, जबकि कई अभी भी जीवित हैं.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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