दुनियां – अस्तित्व पर खतरा आया तो…ईरान ने अपने इस प्लान से दुनिया को डराया! – #INA

ईरान के शीर्ष विदेशी नीति सलाहकार ने अपने बयान से पूरी दुनिया को चौंका दिया है. इजराइल के ईरान पर हमले के बाद सबको डर पहले से था कि ईरान कुछ बढ़ा कर सकता है, अब ये डर और बढ़ गया है. विदेशी नीति सलाहकार डॉ. कमाल खर्राजी ने कहा है कि ईरान परमाणु बम बनाने में सक्षम है. जो इसके बीच में बाधा बन रहा है, वह ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई का 2010 में दिया गया फतवा है.
दरअसल, सुप्रीम लीडर ने फतवा दिया है कि ईरान ऐसा हथियार नहीं बनाएगा जो मानव समाज के लिए विनाशकारी हो. पूर्व विदेश मंत्री कमाल खर्राजी ने लेबनान के चैनल अल-मायदीन को दिए इंटरव्यू में कहा, “यदि इस्लामी गणतंत्र ईरान के सामने अस्तित्व का खतरा उत्पन्न हो जाता है, तो हमारे पास अपने सैन्य सिद्धांत को बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
ईरान के पास परमाणु क्षमता
खर्राजी ने कहा कि हमारे पास पहले से ही हथियार बनाने की तकनीकी क्षमता है, धार्मिक आदेश ही हमें ऐसा करने से रोक रहा है. खर्राजी विदेश संबंधों पर रणनीतिक परिषद के प्रमुख हैं और उन्होंने पहले भी संकेत दिए हैं कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के अपने घोषित विरोध को छोड़ सकता है, लेकिन 26 अक्टूबर को ईरान पर इजराइली हवाई हमलों के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है.
खर्राजी का बयान क्यों है अहम
खर्राजी जिस बॉडी का नेतृत्व करते हैं, उसके सदस्यों को खुद सुप्रीम लीडर खामनेई चुनते हैं. ये सदस्यें सीधे सुप्रीम लीडर को रिपोर्ट करते हैं. इसकी रिपोर्ट और बयानों से अक्सर देश में होने वाले नीतिगत बदलावों का पूर्वानुमान लगाया जाता है.
2010 में जारी हुआ था फतवा
2010 में ईरान के सुप्रीम लीडर की और से एक फतवा जारी किया गया था कि ईरान परमाणु बमों सहित सामूहिक विनाश के सभी हथियार नहीं बनाएगा. जिसके बाद ऐसे हथियारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, हालांकि पिछले कुछ सालों में ईरान ने अपने मिसाइल प्रोग्राम को मजबूत किया है. अब ईरानी अधिकारी साफ संदेश दे रहे हैं कि अस्तित्व पर खतरा आने पर वह सुप्रीम लीडर के फतवे को छोड़ सकते हैं.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science