दुनियां – इजराइल ने कैसे रची लेबनान में साजिश, क्यों विस्फोटक पेजर नहीं पहचान पाया हिजबुल्लाह? – #INA

लेबनान में पेजर अटैक इतिहास का एक ऐसा हमला था जो उस दिन से पहले कभी नहीं हुआ. अचानक जेब में रखे पेजर फटने लगे, एक ही समय पर एक ही तरह से इन पेजरों का फटना एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहा था. हिजबुल्लाह लगातार इजराइल पर इसका आरोप लगा रहा है, हालांकि इजराइल ने कभी भी खुले तौर पर इसे स्वीकार नहीं किया. अब जो रिपोर्ट आई है, उसमें ये दावा किया गया है कि हिजबुल्लाह को मूर्ख बनाने के लिए इजराइल ने पूरा प्लान तैयार किया था.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लेबनान पहुंचे पेजरों के अंदर जो बैटरियां लगीं थीं, उन्होंने ही विस्फोट के लिए डेटोनेटर का काम किया. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बैटरी के बीच में ही प्लास्टिक की परत से ढका विस्फोटक छिपाया गया था जिसे एक्सरे मशीन भी नहीं पकड़ सकी. यही विस्फोट का कारण बने.
बदला था बैटरी का डिजाइन, छिपाने के लिए किया गया ये काम
बैटरी के बीच में छिपाए गए विस्फोटक से पेजर की बैटरी का डिजाइन बदला था, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजराइल को पता था कि हिजबुल्लाह को इस पर शक हो सकता है, इसीलिए उसने भारी भरकम नए उत्पाद, फर्जी ऑनलाइन स्टोर और पोस्ट क्रिएट किए, ताकि हिजबुल्लाह को धोखा दिया जा सके, यदि वह जांच करे तो. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे बैटरी के सहारे इजराइल ने लेबनानी दुश्मन पर ऐसा प्रहार किया, जिससे उसकी कमर टूट गई.
पेजर की बैटरी में था छह ग्राम विस्फोटक
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में लेबनानी स्रोतों के हवाले से लिखा है कि बैटरी के अंदर चौकोर प्लास्टिक परत में छह ग्राम सफेद पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट (PETN) प्लास्टिक विस्फोटक को दबाया गया था. यह ऐसी जगह रखा गया था जहां से इसे देखा नहीं जा सकता. यह बेहद ज्वलनशील था जिसने डेटोनेटर का काम किया. इस बैटरी का आकार माचिस की डिब्बी के बराबर था, जिसे काले प्लास्टिक के कवर में रखा गया था.
हिजबुल्लाह ने की थी जांच
बताया जाता है कि पेजर मिलने के बाद हिजबुल्लाह ने विस्फोटकों की मौजूदगी की जांच की, उन्हें एयरपोर्ट सुरक्षा स्कैनर के माध्यम से जांचा कि कहीं वे अलार्म तो नहीं बजाते, लेकिन किसी भी पेजर में ये विस्फोटक पकड़ में नहीं आया. दो बम विशेषज्ञों ने बताया कि बैटरी पैक के डिजाइन को इस तरह बनाया गया था, जिससे इसमें चिंगारी पैदा की जा सके और विस्फोट किया जा सके. ब्रिटेन के न्यूकैसल विश्वविद्यालय में लिथियम बैटरी के विशेषज्ञ पॉल क्रिस्टेंसन ने कहा कि बैटरी में कितना द्रव्यमान था इसका कोई हिसाब नहीं है.
तेजी से डाउन हो रही थी बैटरी
हिजबुल्लाह को बैटरी पर इसलिए भी शक हो रहा था, क्योंकि ये पहले के मुकाबले तेजी से डाउन हो रही थीं. हालांकि हिजबुल्लाह अपने शक को यकीं में नहीं बदल पाया. हालत ये थी कि जिस समय धमाके हुए उससे कुछ देर पहले तक हिजबुल्लाह अपने सदस्यों को यही पेजर सौंप रहा था.
जो पेजर और बैटरियां ब्लास्ट हुईं वो बाजार में ही नहीं
चौंकाने वाली बात ये है कि जो पेजर और बैटरियां फटी हैं वो बाजार में ही नहीं हैं. जिस बैटरी में ब्लास्ट हुआ उसका नंबर L1-BT783 था. पेजर प्रसिद्ध ताइवानी ब्रांड, गोल्ड अपोलो के नाम से मॉडल, AR-924 बनाकर बेचे गए. इसके लिए पहले ये पता लगाया गया कि हिजबुल्लाह क्या ओर कैसे खरीदता है, प्लान तैयार किया गया और फिर पूरा प्लान तैयार किया गया है. इंटरनेट रिकॉर्ड और मेटाडेटा की रॉयटर्स की समीक्षा के अनुसार, सितंबर 2023 में, AR-924 और इसकी बैटरी को एक वेबपेज में जोड़ा गया, इसमें कहा गया कि उसके पास गोल्ड उत्पादों की बड़ी रेंज है. इसमें पता हांगकांग का लिखा गया था, जबकि हांगकांड में ऐसी कोई कंपनी मौजूद नहीं है. इसके अलावा यूट्यूब पर एक प्रमोशनल वीडियो भी बनाया गया था.
एक साथ फटे हजारों पेजर
17 सितम्बर को बेरूत के दक्षिणी इलाकों और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हजारों पेजर के एक साथ फटे थे. यह विस्फोट तब हुए जब उपकरणों से बीप की आवाज आई. जो किसी संदेश का संकेत था. विस्फोटों में कई लोगों के हाथों में चोट थीं, उंगलियां गायब थीं, हजारों लोग इसमें घायल हुए थे और कई लोगों की मौत हुई थी. इसके दूसरे दिन वॉकी टॉकी अटैक किए गए थे. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि मोसाद ने पेजर और वॉकी टॉकी हमलों को लीड किया था. इस रिपोर्ट पर जब नेतन्याहू के कार्यालय से बात की गई तो उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें इस ऑपरेशन के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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