दुनियां – ईरान पर मंडराया सबसे बड़ा खतरा, ट्रंप ने बनाया खतरनाक प्लान, नेतन्याहू के हाथ में ऑपरेशन की कमान – #INA

ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा खतरा मंडराने लगा है. अपने सबसे बड़े दुश्मन को सबक सिखाने के लिए ट्रंप ने खतरनाक प्लान बना लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन ईरान को मंजूरी दे दी है. ट्रंप के इस ऑपरेशन की कमान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संभालेंगे. इजराइल पर इस बार न सिर्फ हमले की तैयारी है बल्कि खामेनेई का तख्तापलट करने का भी खतरनाक योजना बनाई गई है.
ट्रंप ने चुनाव में वादा किया था कि वो मिडिल ईस्ट में जंग खत्म करवा देंगे. मगर, इजराइल किसी भी कीमत पर जंग रोकने को तैयार नहीं है. अब सवाल ये है कि ट्रंप किस नीति पर आगे बढ़ रहे हैं. इसका जवाब ट्रंप की टीम को देखकर मिल जाता है. जीत के बाद ट्रंप की जो टीम बन रही है, उसमें ज्यादातर इजराइल की नीतियों के समर्थक लोग हैं. इनमें से तमाम लोगों को इजराइल भारी भरकम चंदा देता है.
स्टीवन को मिडिल ईस्ट मामलों का प्रभारी बनाया
ट्रंप ने बिल्डर स्टीवन विटकॉफ को मिडिल ईस्ट मामलों का प्रभारी बनाया है. विटकॉफ यहूदी समुदाय से आते हैं. उन्होंने चुनाव में व्यापारिक यहूदी समुदाय को ट्रंप के पक्ष में इकट्ठा किया. जाहिर है, ट्रंप सरकार की नीतियां इजराइल के हित में ही होंगी. दूसरी ओर बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान में तख्तापलट करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इसके लिए नेतन्याहू ईरान के लोगों को खामेनेई हुकूमत के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है.
इजराइली प्रधानमंत्री का कहना है कि ईरान ने इजराइल पर हमले के लिए 2.3 बिलियन डॉलर खर्च किए. ईरान के लोगों के पैसे को खामेनेई ने हमले में बर्बाद कर दिया. ईरान के मिसाइल हमले में इजराइल को बहुत कम नुकसान हुआ. ये जो बिलियन डॉलर बर्बाद हुए, ये आपकी बेहतरी पर खर्च हो सकते थे.
खामेनेई हुकूमत को अपनी जनता की परवाह नहीं
बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरानी लोगों के नाम संदेश जारी किया, जिसमें कहा कि खामेनेई हुकूमत को अपनी जनता की परवाह नहीं. खामेनेई हुकूमत को ईरान की चिंता नहीं है. उनके सिर पर इजराइल पर हमले का भूत सवार है. ये बहुत शर्मनाक बात है. ईरान ने अगर इजराइल पर एक और हमला किया तो उसकी अर्थव्यवस्था अपने आप ध्वस्त हो जाएगी.
माना जा रहा है कि नेतन्याहू ने ये संदेश इसलिए जारी किया है ताकि ईरानी जनता को खामेनेई हुकूमत के खिलाफ भड़काया जा सके. ईरानी जनता भड़केगी, बागी होगी तो खामेनेई हुकूमत की विदाई आसान हो जाएगी. ईरान में विद्रोह भड़काने के लिए इजराइल अब ईरान में ऐसे संयंत्रों और ठिकानों पर हमले की तैयारी में है, जिससे जनता को सीधे तौर पर परेशानी हो और लोग सरकार से नाराज हों. मसलन-ऑयल फील्ड और गैस फील्ड.
गैस फील्ड की तबाही हुई तो ध्वस्त हो जाएगी अर्थव्यवस्था
ऑयल फील्ड और गैस फील्ड की तबाही हुई तो ईरान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी. इससे ईरान में महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी फैलेगी. जनता अपनी हुकूमत से नाराज हो जाएगी. इसी तरह इजराइल के टारगेट पर ईरान के पावर स्टेशन हैं. सिर्फ पावर स्टेशन ही नहीं बल्कि देशभर में फैली पावर ग्रिड भी हैं. इजराइल ने इन्हें तबाह किया तो ईरान में बिजली की किल्लत पैदा हो सकती है. इससे भी जनता को बड़ी परेशानी होगी.
इसके अलावा इजराइल ईरान की सामान सप्लाई लाइन को तबाह करना चाहता है. इसके अलावा अनाज के गोदाम भी इजराइल के टारगेट पर हैं. सामानों और अनाज की कमी हुई तो अवाम का भड़कना तय है. दूसरे चरण में इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA जैश अल अदल और कुर्द जैसे अलग अलग संगठनों को ईरान के खिलाफ प्रॉक्सी की तरह इस्तेमाल करेंगी. ठीक उसी तरह जैसे ईरान हमास, हिज्बुल्लाह और हूती को इजराइल और अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल करता है.
पहेलवी को ईरान की कमान सौंपने की योजना
तीसरा चरण ईरान में खामेनेई हुकूमत के खिलाफ लोगों को सड़क पर उतारने का है. यानी विद्रोह भड़काना. चौथे चरण के तहत इजराइल और अमेरिका ईरान के सख्त इस्लामिक कानूनों के शिकार खासकर महिलाएं और दूसरे वर्गों को सरकार के खिलाफ सड़क पर लाने की कोशिश की जाएगी. पांचवें चरण में ईरान के निर्वाषित राजकुमार रेजा पहेलवी को ईरान की कमान सौंपने की योजना है.
इस तरह तेहरान से खामेनेई का तख्तापलट हो सकता है. ईरान में इजराइल और अमेरिका की कठपुतली सरकार बन सकती है. सूत्रों के मुताबिक, इजराइल और अमेरिका ईरान की अर्थव्यवस्था को भी बर्बाद करने की कोशिश कर सकता है. इस बात का संकेत नेतन्याहू के संदेश से भी मिला है.
ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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