दुनियां – कौन हैं संजय वर्मा, जिनपर आरोप लगाकर कनाडा ने मोल लिया भारत से पंगा – #INA
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कनाडा ने एक बार फिर भारत से पंगा लेने का काम किया है. कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर की 2023 में कथित हत्या को लेकर एक बार फिर भारत पर आरोप लगाए हैं. कनाडा ने हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और दूसरे राजनयिकों को निज्जर की कथित हत्या से जोड़ा है और उन्हें इस मामले में पर्सन ऑफ इंटरेस्ट बताया है.
भारत सरकार ने कनाडा की इस हरकत के बाद एक्शन लेते हुए हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा सहित अपने राजनयिकों को भारत वापस बुला लिया है. साथ ही भारत ने कनाडा को इस मामले को लेकर कड़े शब्दों में जवाब भी दिया. भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताया है. कनाडा के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने सोमवार को कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. साथ ही भारत ने इन 6 राजनयिकों को 19 अक्बटूर तक भारत छोड़ कर जाने का आदेश दिया.
भारतीय राजनियकों को किया टारगेट
भारत और कनाडा के बीच एक बार फिर साल 2023 में हुई निज्जर की कथित हत्या को लेकर जो तनाव सामने आया है, उसमें कनाडा ने भारत के हाई कमिश्नर को सीधा टारगेट किया है. चलिए इसी बीच जानते हैं कि कौन हैं वो संजय वर्मा जिन पर आरोप लगाकर कनाडा ने भारत से पंगा लिया है.
दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव में एक नाम सुर्खियों में बना हुआ है, वो हैं संजय कुमार वर्मा. भारत ने कनाडा को जवाब देते हुए जो प्रेस रिलीज जारी की, उसमें भी बताया कि जिन संजय वर्मा पर कनाडा गंभीर आरोप लगा रहा है वो भारत के सीनियर डिप्लोमेट हैं. जो पिछले 36 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
कौन हैं संजय वर्मा
संजय कुमार वर्मा को साल 2022 में कनाडा के ओटावा में हाई कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया था. पिछले 2 साल से वो कनाडा में हाई कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हाई कमिश्नर ने साल 1988 में भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) में कदम रखा था. अपने 36 साल के करियर में संजय वर्मा जापान, सूडान, इटली, तुर्किये, वियतनाम और चीन में राजदूत रहे हैं.
सूडान में हाई कमीश्नर के पद पर सेवाएं देने के बाद संजय वर्मा ने भारतीय विदेश मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी और एडिशनल सेक्रेटरी के रूप में काम किया. कनाडा में हाई कमिश्नर के पद पर काम करने से पहले उन्होंने जापान और मार्शल द्वीप में भारत के राजदूत की जिम्मेदारी संभाली. हाई कमिश्नर संजय वर्मा का जन्म 28 जुलाई, साल 1965 में हुआ था. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की. इसी के बाद फिजिक्स से आईआईटी दिल्ली में पोस्ट ग्रेजुएशन की.
दोनों देशोंं के बीच क्यों पैदा हुआ तनाव
हरदीप सिंह निज्जर एक खालिस्तानी नेता था और भारत सरकार ने उसको आंतकवादी घोषित किया हुआ है. निज्जर की पिछले साल 2023 में कथित हत्या हो गई थी. कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी. कनाडा में निज्जर की हत्या की जांच चल रही है.
निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि भारत सरकार के एजेंट निज्जर की मौत से जुड़े थे. इसी के चलते एक बार फिर दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया है. हालांकि, भारत पहले भी कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है.
भारत ने कनाडा के राजनयिकों को किया निष्कासित
कनाडा ने जब भारत के राजनयिकों को सीधे टारगेट किया तो भारत ने भी एक्शन लेते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. भारत ने कनाडा के कार्यवाहक हाई कमिश्नर स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, डिप्टी हाई कमिश्नर उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, सेक्रेटरी मैरी कैथरीन जोली, इयान रॉस डेविड ट्राइट्स, एडम जेम्स चुइपका और पाउला ओरजुएला का नाम शामिल हैं.
भारत ने इस मामले पर क्या कहा?
भारत सरकार ने कनाडा के लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा, भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को खारिज करती है. साथ ही कहा गया कि ट्रूडो सरकार यह सब वोट बैंक की राजनीति के चलते कर रहे हैं.
भारतीय सरकार ने कनाडा को कड़े शब्दों में जवाब देते हुए अपने राजनयिकों को यह कह कर देश वापस बुला लिया कि हमें कनाडा पर अब भरोसा नहीं है. साथ ही विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ट्रूडो सरकार ने भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. हमें अपने डिप्लोमेट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है. इसलिए, भारत सरकार ने हाई कमिश्नर और बाकी राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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