दुनियां – चीन और अमेरिका के बीच हुई तीन कैदियों की अदला-बदली – #INA

“वीर जारा” एक फिल्म थी, जो शायद आपने देखी होगी, इस फिल्म में भारतीय नागरिक को पड़ोसी देश पाकिस्तान में जेल में डाल दिया जाता है और इसके बाद सालों बाद उसे जेल से रिहा किया जाता है. ऐसा ही कुछ चीन और अमेरिका के बीच हुआ. चीन और अमेरिका ने कैदियों की अदला-बदली की. कैदियों की इस अदला-बदली में चीन ने अमेरिका के तीन उन कैदियों को रिहा किया जो सालों से जेल में बंद थे और उन्हें फांसी की सजा दी जानी थी.
व्हाइट हाउस ने बाइडेन प्रशासन के अंतिम महीनों में बीजिंग के साथ एक राजनयिक समझौते का ऐलान किया. अमेरिका ने बताया कि चीन ने अमेरिका के जिन तीन नागरिकों को वर्षों से कैद किया हुआ था उन्हें कैदियों की अदला-बदली में रिहा कर दिया गया है.
किन तीन नागरिकों को किया गया रिहा?
ये तीन नागरिक हैं, मार्क स्विडन, काई ली और जॉन लेउंग. इन सभी को जब चीन ने जेल में डाला था तो इनकी गिरफ्तारी को अमेरिकी सरकार ने गलत तरीके से हिरासत में लिया गया घोषित किया था. मार्क स्विडन को नशीली दवाओं के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि ली और लेउंग को जासूसी के आरोप में कैद किया गया था.
व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक बयान में कहा, जल्द ही ये तीनों वापस अमेरिका लौटेंगे और कई सालों बाद अपने परिवारों से मिलेंगे. विदेशी मीडिया के मुताबिक, चीन ने इन तीनों अमेरिकी कैदियों को अपने
तीन चीनी कैदियों की अदला-बदली में रिहा किया है, जिन्हें अमेरिका ने हिरासत में ले रखा था, लेकिन वो तीनों चीनी कैदी कौन हैं इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है.
कैदी ली की कैसे हुई थी गिरफ्तारी
ली ने अमेरिका में एक एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू किया था. ली को सितंबर 2016 में शंघाई में हिरासत में लिया गया था. उन्हें निगरानी में रखा गया, बिना किसी वकील के पूछताछ की गई और एफबीआई को राज्य के रहस्य उपलब्ध कराने का आरोप लगाया गया था. यूएन के एक कार्यकारी समूह ने उनकी 10 साल की जेल की सजा को मनमाना बताया था.
कैदी लेउंग की कैसे हुई थी गिरफ्तारी
लेउंग को पिछले साल जासूसी के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी और उन्हें साल 2021 में हिरासत में लिया गया था. स्विडन को 2012 में नशीली दवाओं के आरोप में हिरासत में लिया गया था. उनके परिवार और समर्थकों का कहना है कि इस बात का कभी कोई सबूत नहीं था कि उनके पास नशीली दवाएं थीं और उनके ड्राइवर और ट्रांसलेटर ने उन्हें दोषी ठहराया था. अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में स्वीकार किया कि इन अमेरिकी नागरिकों की रिहाई चीनी नागरिकों की रिहाई के बदले में हुई.
चीन और अमेरिका के बीच कैदियों की अदला-बदली काफी कम देखी जाती है. इस महीने की शुरुआत में बाइडेन ने पेरू में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. बातचीत के अमेरिकी रीडआउट के अनुसार, बाइडेन ने कहा कि चीन में अनुचित रूप से हिरासत में लिए गए या बाहर निकलने पर जिन अमेरिकी नागरिकों पर बैन लगाया गया है उनको हल करना हमारी प्राथमिकता है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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