दुनियां – ट्रंप का इतना खौफ! अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होते ही ईरान के रुख में बदलाव – #INA
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होते ही ईरान का रुख बदलने लगा है. संयुक्त राष्ट्र परमाणु (IAEA) प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने शुक्रवार को ईरान के दो बड़े परमाणु केंद्रों का दौरा किया. ईरान ने ट्रंप की जीत के बाद अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों में ढील के लिए न्यूक्लियर प्रोग्राम पर समझौता करने की तत्परता दिखाई है, जिसके बाद IAEA चीफ अपनी टीम के साथ ईरान पहुंचे.
ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर इजराइल, अमेरिका के साथ-साथ कई पश्चिमी देश आपत्ति जता चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से ईरान को डर है कि वह परमाणु प्रोग्राम की आड़ में उसके ऊपर और कड़े प्रतिबंध लगाएंगे.
Meeting with @drpezeshkian was an essential part of my visit to Iran—an opportunity to engage at the highest level with the new government, listen to his views, and explain my approach and efforts to make progress on one of the most challenging issues on the international agenda. pic.twitter.com/1mc6H4L7I3
— Rafael MarianoGrossi (@rafaelmgrossi) November 14, 2024
परमाणु बम बनाने के करीब ईरान
ग्रॉसी ने ईरान के नतांज़ और फोर्दों में स्थिति न्यूक्लियर साइट्स का दौरा किया. पिछले साल फरवरी में तेहरान से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित फ़ोर्दों साइट अपनी यूरेनियम उत्पादन के कारण तनाव की मुख्य वजह बना थी. यहां निरीक्षकों ने भूमिगत सुविधा में 83.7 फीसद तक संवर्धित यूरेनियम कण पाए थे. जोकि परमाणु बम बनाने के करीब है.
ईरान ने कहा कि उसने दो साल पहले फोर्दों में 60 फीसद तक यूरेनियम संवर्धन शुरू किया था, वहीं खबरों के मुताबिक ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम परमाणु बम बनाने के 90 फीसद संवर्धन के बेहद करीब है. इसी वजह से ईरान पश्चिमी देशों के निशाने पर है. ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ईरान की इसी न्यूक्लियर प्रोग्राम डील से अमेरिका को अलग किया था.
हो सकती है न्यूक्लियर डील
IAEA के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक अगले हफ्ते होने वाली है. कई यूरोपीय देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम की जांच बढ़ाने और बातचीत पर वापस लौटने के लिए दबाव डालने के लिए एक प्रस्ताव की वकालत कर रहे हैं. IAEA चीफ का दौरा इसी दबाव का नतीजा माना जा रहा है, IAEA दुनिया भर के परमाणु प्रोग्रामों पर नजर रखती है.
ईरान के रुख में ये बदलाव चौंकाने वाला है, क्योंकि सिर्फ एक साल पहले, ईरान ने IAEA की निगरानी टीम के लगभग एक-तिहाई सदस्यों पर प्रतिबंध लगा दिया था. तेहरान ने विदेश से निरीक्षकों को ‘चरमपंथी’ करार दिया था, जिससे ईरान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच उसकी परमाणु गतिविधियों को लेकर तनाव और बढ़ गया था. अब ईरान ट्रंप की वापसी से पहले सहयोग की इच्छा जता रहा है.
दौरे की ईरानी मीडिया में कवरेज
ईरानी मीडिया IAEA की टीम के इस दौरे को सकारात्मक बताया है. इस बीच ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने चेतावनी दी कि IAEA के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की ओर से ईरान के परमाणु कार्यक्रम की आलोचना करने वाला कोई भी प्रस्ताव का जवाबी कड़ा जवाब दिया जाएगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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