दुनियां – ट्रंप 2.0 में क्या चीन पर होगा सीधा प्रहार? अमेरिका में नई कैबिनेट पर काम शुरू – #INA

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम यानी अमेरिका की नई कैबिनेट बनानी शुरू कर दी है. अबकी बार ट्रंप सरकार में अमेरिका के विदेश मंत्री होंगे अमेरिकी सीनेट के सदस्य मार्को रुबियो. अमेरिकी संसद में फ्लोरिडा से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव माइक वाल्ट्ज को ट्रंप सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने का ऐलान हो चुका है. वहीं संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की नई राजदूत के तौर पर रिपब्लिकन पार्टी की सांसद एलिस स्टेफनिक का नाम फाइनल हो गया है.
विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और संयुक्त राष्ट्र में राजदूत, अमेरिका की विदेश नीति का फैसला इन्हीं तीन लोगों के हाथों में है. ट्रंप ने इन तीन अहम पदों पर जिन्हें चुना है, उनका नाम सुनकर ही वाशिंगटन से लेकर बीजिंग तक हल्ला है कि ट्रंप की नई पारी में चीन की खैर नहीं है. चीन के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप की इस तिकड़ी का नज़रिया क्या है, उसका ट्रेलर पहले ही जारी हो चुका है.
टैरिफ युद्ध का हो सकता है विस्तार
ट्रंप ने जब मार्को रुबियो को नया विदेश मंत्री बनाने का ऐलान किया, तो अमेरिकी मीडिया का पहला विश्लेषण यही था कि पिछली बार ट्रंप ने चीन के खिलाफ टैरिफ युद्ध छेड़ा था और इस बार भी उसी का विस्तार होने जा रहा है. अमेरिका के भावी विदेश मंत्री मार्को एंटोनियो रुबियो फ्लोरिडा से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर हैं. उनके नाम का चीन में हौव्वा क्यों है, इसकी मिसाल अमेरिका के लोग साल 2022 में ही देख चुके हैं.
ये कोई छुपी बात नहीं है कि वो अमेरिका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं ये उनका सबसे बड़ा लक्ष्य है. अमेरिकी सीनेट में मार्को रुबियो अमेरिका की विदेश नीति पर बयान दर्ज कराने पहुंचे थे. उन्होंने बिना लाग-लपेट के आगाह किया कि अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन है.
अमेरिका की कूटनीति बनाने की जिम्मेदारी माइक वाल्ट्ज़
मार्को रुबियो के अलावा अमेरिका की कूटनीति और रणनीति बनाने की जिम्मेदारी ट्रंप ने अपने भरोसेमंद माइक वाल्ट्ज़ को सौंपी है. माइक वाल्ट्ज अमेरिका के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे. इन्हें भी घोषित रूप से चीन का विरोधी बताया जा रहा है. इसकी वजह भी है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर हमले की कमान माइक वाल्ट्ज़ ने ही संभाल रखी थी.
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर किसको घेरना है और किस मामले पर वीटो करना है, ये फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत ही करते हैं. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में नया राजदूत बनाने के लिए रिपब्लिकन पार्टी की सांसद एलिस स्टेफनिक को चुना है, जो ट्रम्प की कट्टर समर्थक हैं.
जासूसी गुब्बारा पर संभाला था मोर्चा
फरवरी 2023 में जब अमेरिका में चीन का जासूसी गुब्बारा पकड़ा गया, तो रिपब्लिकन पार्टी की ओर से एलिस स्टेफनिक ने ही मोर्चा संभाला था. अमेरिकी मीडिया से लेकर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स तक में एलिस स्टेफनिक चीन के खिलाफ लगातार आग उगलती रहीं.
अपनी दूसरी पारी में विदेश नीति की कमान ट्रंप ने चीन के कट्टर विरोधियों को सौंपी है, तो अमेरिका की घरेलू राजनीति में ट्रंप का एजेंडा पहले से तय है. ट्रंप का चुनाव प्रचार पूरी तरह अवैध शरणार्थियों पर केंद्रित था, इसलिए उन्होंने अमेरिका में इमिग्रेशन सिस्टम बदलने के लिए अपनी टीम में उन्हीं को जगह दी है, जो शरणार्थियों के बारे में हद दर्ज़े तक बेरहम माने जाते हैं.
टॉम होमैन को इमिग्रेशन
ट्रंप ने अमेरिकी बॉर्डर की सुरक्षा के लिए टॉम होमैन को इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट का डायरेक्टर मनोनीत किया है. मेक्सिको से आने वाले अवैध शरणार्थियों पर सख्ती के लिए टॉम होमैन बदनाम रहे हैं. उन्हें बॉर्डर जार नाम दे दिया गया. बॉर्डर जार यानी सीमा पर तानाशाही चलाने वाला.
ट्रंप की पहली पारी में टॉम होमैन ने शरणार्थियों के साथ जो सख्ती की, उसके लिए साल 2019 में उनको अमेरिकी संसद में तलब किया गया था. उस दौरान अमेरिका के सांसदों को टॉम होमैन ने जो तेवर दिखाए, वो अमेरिका के लोग अभी तक भूले नहीं हैं.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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