दुनियां – पाकिस्तान: कैबिनेट की बैठक में 26वें संविधान संशोधन को मिली मंजूरी, आज ही संसद में किया जाएगा पेश – #INA
पाकिस्तान सरकार ने रविवार को कैबिनेट बैठक के बाद 26वें संविधान संशोधन के प्रस्तावित मसौदे को मंजूरी दे दी है. इससे पहले ‘बहुप्रचारित’ 26वें संवैधानिक संशोधन के अंतिम मसौदे की समीक्षा के लिए कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी. संविधान में संशोधन को लेकर विपक्ष के साथ सरकार के सहयोगी दल भी इसका विरोध कर रहे हैं.
वहीं, इसके बाद पाकिस्तान सरकार संविधान में संशोधन के प्रस्ताव को लेकर दोनों सदनों में जाएगी. सीनेट सचिवालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि ऊपरी सदन का सत्र आज दोपहर 3 बजे शुरू होगा, जबकि नेशनल असेंबली का सत्र शाम 6 बजे शुरू होगा. हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक तौर पर संवैधानिक संशोधन का विवरण मीडिया के साथ साझा नहीं किया है.
चीफ जस्टिस के कार्यकाल में होगा बदलाव
विपक्षी दलों और कई खबरों के अनुसार संवैधानिक संशोधन का कथित उद्देश्य स्वतंत्र न्यायपालिका की शक्ति को कमजोर करना है. सरकार न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने और उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस का कार्यकाल तय करने की योजना बना रही है. पूर्व गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने समा न्यूज चैनल को बताया कि कैबिनेट के बाद इसे मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने सत्तारूढ़ दलों की आम सहमति के बाद 26वें संविधान संशोधन के प्रस्तावित मसौदे को मंजूरी दे दी है. इस संवैधानिक कानून के तहत चीफ जस्टिस के कार्यकाल के साथ कई और संशोधनों का प्रस्ताव है. संवैधानिक संशोधन पर चर्चा के लिए पिछले महीने एक विशेष संसदीय समिति का गठन किया गया था.
इमरान खान की पार्टी ने किया बहिष्कार
पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने संवैधानिक संशोधन को संविधान का अंतिम संस्कार बताया है. इमरान खान की पार्टी ने X पर लिखा कि, ‘इतिहास याद रखेगा कि तमाम दलालों ने पाकिस्तान के संविधान के साथ खिलवाड़ किया. 25 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों का हनन किया.’ पीटीआई पार्टी ने कहा कि इसके लिए इतिहास किसी को माफ नहीं करेगा.
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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ बलूचिस्तान के अध्यक्ष दाऊदशाह काकर ने कहा कि वह संशोधन के खिलाफ हैं और इमरान खान की विचारधारा के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन की मंजूरी के लिए लोगों पर दबाव बनाने की फासीवादी सरकार की शक्ति बढ़ रही है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का हर कार्यकर्ता अपने नेशनल असेंबली सदस्यों के साथ है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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