दुनियां – प्रधानमंत्री के पक्ष में माहौल बनाने के लिए लीक किए गए थे सीक्रेट दस्तावेज! नेतन्याहू के सहयोगी पर बड़ा आरोप – #INA

इजराइल में IDF के गुप्त दस्तावेजों के लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बंधकों की रिहाई को लेकर हो रही बातचीत से जुड़े कुछ अहम दस्तावेजों को इस साल सितंबर में लीक कर दिया गया था, हैरानी की बात ये है कि यह कारनामा प्रधानमंत्री नेतन्याहू के ही एक करीबी सहयोगी ने अंजाम दिया था.
इजराइल की रिशोन लिजियन मजिस्ट्रेट कोर्ट के मुताबिक इन गुप्त दस्तावेजों को अगस्त में 6 बंधकों की हत्या के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ बन रहे जनता के दबाव और आलोचना के माहौल को बदलने के मकसद से लीक किया गया था.
नेतन्याहू के करीबी ने लीक किए थे दस्तावेज
इजराइली कोर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नेतन्याहू के पूर्व प्रवक्ता और सहयोगी एली फेल्डस्टिन, जो इस मामले का मुख्य संदिग्ध है, ने इजराइली बंधकों की हत्या के बाद IDF के सीक्रेट दस्तावेजों को जर्मनी के Bild अखबार को लीक कर दिया. जिससे यह साबित किया जा सके कि बंधकों का भाग्य हमास के हाथों में हैं और बंधकों की रिहाई वार्ता के लिए हमास चीफ याह्या सिनवार मुख्य बाधा है. यही नहीं 6 बंधकों की हत्या के बाद इजराइल में जारी विरोध-प्रदर्शनों के लिए भी हमास को जिम्मेदार ठहराने के लिए गुप्त दस्तावेजों को लीक किया गया.
जानकारी के अनुसार, फील्डस्टिन को यह गुप्त दस्तावेज इस साल अप्रैल में ही हाथ लग गए थे, इजराइली सेना के एक रिजर्विस्ट नॉन-कमीशन अधिकारी (NCO) ने अवैध रूप से इन दस्तावेजों को हासिल कर फील्डस्टिन तक पहुंचाया था.
देश की सुरक्षा को खतरे में डाला
जांचकर्ताओं का मानना है कि जिन दस्तावेजों को लीक किया गया था उससे इजराइल की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था. कोर्ट में IDF की जांच से खुलासा हुआ है कि इस लीक से गाजा में इजराइल के युद्ध लक्ष्यों में से एक बंधकों की रिहाई को नुकसान पहुंचा है. साथ ही IDF और शिन बेत के सैन्य अभियान को नुकसान हुआ है.
आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाने की तैयारी
रविवार को स्टेट अटॉर्नी ऑफिस ने कोर्ट को बताया है कि वह आरोपी फील्डस्टिन और एक अन्य प्रमुख संदिग्ध के खिलाफ अभियोग चलाना चाहते हैं. आधिकारिक तौर पर केस फाइल करने और अभियोग ड्राफ्ट करने तक इन आरोपियों को 5 दिन की अतिरिक्त हिरासत की भी मांग की गई थी.
फील्डस्टिन और एक अन्य शख्स पर गुप्त दस्तावेज लीक कर देश को नुकसान पहुंचाने, गुप्त जानकारी जुटाने और अपराध के लिए साजिश रचने समेत कई अन्य आरोप हैं.
नेतन्याहू के और भी कई करीबी रडार पर!
इन दोनों आरोपियों के अलावा कई अन्य संदिग्धों से भी इस मामले में पूछताछ हो चुकी है, और कुछ अन्य लोग हैं जिनसे पूछताछ की जानी है. नेतन्याहू के पूर्व प्रवक्ता और प्रेस ऑफिसर जोनाथन उरिच से इस मामले में गुरुवार को पूछताछ की गई, हिब्रू मीडिया के मुताबिक उरिच भी दस्तावेजों की लीक करने के केस में संभावित आरोपी हो सकते हैं.
चैनल 13 की रिपोर्ट के अनुसार, उरिच से यिसराइल इनहोर्न के साथ संबंधों को लेकर भी पूछताछ की गई है, जो कि लिकुड (नेतन्याहू की पार्टी) के सदस्य हैं और जर्मनी के Bild अखबार से भी उनका कनेक्शन है. इनहोर्न इस वक्त देश में मौजूद नहीं हैं और रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें जांच और पूछताछ से बचने के लिए देश वापस लौटने से मना किया गया है.
इससे पहले ही उरिच और इनहोर्न कई विवादों में शामिल रह चुके हैं. प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ करप्शन केस ट्रायल में सरकारी गवाह को प्रताड़ित करने का भी आरोप इन दोनों पर लग चुका है.
IDF ने शुरू की सीक्रेट जांच में खुलासा
कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार Bild की रिपोर्ट के बाद IDF ने दस्तावेज लीक होने की आशंका से खुद ही जांच शुरू कर दी थी, क्योंकि यह दस्तावेज काफी सेंसेटिव थे. सेना के सूचना सुरक्षा विभाग की शुरुआती जांच के बाद IDF के चीफ ऑफ स्टाफ हर्जी हलेवी ने खुद घरेलू सुरक्षा एजेंसी शिन बेत से मामले की सीक्रेट जांच शुरू करने के लिए कहा था, जिससे दस्तावेजों के लीक के पीछे किसका हाथ है इसका पता लगाया जा सके.
मामले में मुख्य दोषी NCO रिसर्विस्ट की पहचान के बाद जांचकर्ताओं को 3 और संदिग्धों के शामिल होने की जानकारी मिली, इनमें से दो IDF के रिजर्व अधिकारी और एक करियर NCO शामिल थे, जिसके बाद मामले में फील्डस्टिन के शामिल होने का पता चला.
नेतन्याहू ने गड़बड़ी से किया था इनकार
बता दें कि हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद अगस्त में सीजफायर और बंधकों की रिहाई को लेकर बातचीत हुई लेकिन यह वार्ता बेनतीजा रही, जिसके बाद हमास ने 6 इजराइली बंधकों को मार दिया. इन बंधकों के शव इजराइली सेना को गाजा में सर्च ऑपरेशन के दौरान एक सुरंग से मिले. इस घटना के बाद इजराइल में नेतन्याहू के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने लगे.
इसके बाद जर्मनी के Bild अखबार ने 6 सितंबर को एक खबर छापी जिसमें कहा गया था कि ये दस्तावेज उसे गाजा में हमास के नए चीफ याह्या सिनवार के कंप्यूटर से मिले हैं. लेकिन इजराइल में जारी जांच से अब खुलासा हुआ है कि ये दस्तावेज खुद नेतन्याहू के करीबियों ने लीक किया था, हालांकि इन दस्तावेजों को लेकर नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था, उन्होंने कहा है कि इन दस्तावेजों की लीक के बारे में उन्हें मीडिया से ही पता चला था.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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