दुनियां – बांग्लादेश बदलने को तैयार नहीं, अब इस्कॉन मंदिर के चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का केस – #INA

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ मुखर आवाज चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चिन्मय के खिलाफ बांग्लादेश में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद से चिन्मय हिंदुओं की सुरक्षा और हिंसा के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. जिसके लिए उन्होंने देश के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शनों का भी आयोजन किया था.
उनके ऊपर ये कार्रवाई चटगांव में हुई एक रैली के विरोध में की गई है, जिसमें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के आह्वान पर चटगांव डिवीजन के हजारों हिंदू इकट्ठा हुए थे. चिन्मय पर आरोप है कि उन्होंने इस रैली के दौरान देश की संप्रभुता के प्रति अवमानना दिखाई है और योजनाबद्ध तरीके से देश की अखंडता को नकारने के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अनादर किया है.
धर्म का झंडा फहराया तो लगा देशद्रोह का आरोप
दर्ज की गई शिकायत की कॉपी के मुताबिक इस्कॉन समूह ने अपने प्रदर्शन में चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन के न्यू मार्केट चौराहे पर सरकारी विरोधी छात्र प्रदर्शनों में बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर धार्मिक झंडा फहराया है. शिकायत में इस्कॉन के धार्मिक झंडे को इस तरह फहराने को एक स्वतंत्र राज्य की अखंडता को नकारने के समान माना गया है.
चिन्मय पर ये कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब UN की मानव अधिकार एजेंसी के उच्चायुक्त बांग्लादेश के दौरे से लौटे हैं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई हिंसा की जांच की मांग की है.
हिंदुओं को एक करने का किया था आह्वान
पिछले महीने इस्कॉन की एक सभा में चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने हिंदुओं से एक होने की अपील की थी. अपने भाषण में उन्होंने कहा था, “हम हिंदू हैं, हम ऋषियों के उत्तराधिकारी हैं, हम आर्यपुत्र हैं. हम मरते दम तक लड़ेंगे. हिंदुओं, एक हो जाओ, खतरों से सावधान रहो.”

During the protest rally yesterday(13/09/2024) in #Chattragram, Sri Chinmay Krishna Das Prabhu of #ISKCON gave a historic speech.
In his speech, he said, We are Hindu, we are the heir of Rishis, we are Aryaputra. We will fight till death. Hindus, be united. Be aware of the pic.twitter.com/GthUnoaBEM
— Hindu Voice (@HinduVoice_in) September 14, 2024

उन्होंने आगे ये भी कहा था, “हमारे मंदिरों की रखवाली की क्या ज़रूरत है? मस्जिद की रखवाली की कोई ज़रूरत नहीं है. सरकार कई सालों से हमारी उपेक्षा कर रही है, सावधान रहो. सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति को अपना दोस्त मत बनाओ, जाल में मत फंसो, कई लोग तुम्हें भड़काने की कोशिश करेंगे, उनके झांसे में मत आओ.”

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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