दुनियां – रूस के खिलाफ अमेरिका ले सकता है बड़ा फैसला…बाइडेन के जर्मनी दौरे से जेलेंस्की को उम्मीद – #INA
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन गुरुवार को जर्मनी रवाना हो गए हैं. उनके जर्मनी दौरे का मुख्य एजेंडा रूस-यूक्रेम युद्ध होगा. बर्लिन में वह जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं के साथ यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. बाइडेन का यह दौरान पिछले हफ्ते होना था लेकिन फ्लोरिडा में आए मिल्टन तूफान के चलते यह टल गया.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका और वेस्टर्न सहयोगियों से मांग की थी कि ढाई साल से चल रहे युद्ध की समाप्ति के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाए, माना जा रहा है कि इस दौरे में बाइडेन, जेलेंस्की की मांग को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
मिडिल ईस्ट के संघर्ष पर भी होगी चर्चा
इसके अलावा मिडिल ईस्ट में बढ़ रहा संघर्ष भी बाइडेन के दौरे के प्रमुख एजेंडे में से एक है. बाइडेन जर्मनी में तमाम सहयोगियों के साथ मध्य-पूर्व की जंग को लेकर भी चर्चा करने वाले हैं क्योंकि युद्धविराम के तमाम डिप्लोमेटिक प्रयास असफल हो चुके हैं.
बाइडेन की जर्मनी में US रैमस्टीन एयरबेस पर यूक्रेन की सैन्य सहायता को लेकर अहम बैठक करेंगे, वह शुक्रवार की सुबह जर्मनी के राष्ट्रपति और चांसलर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, इसके बाद यूरोपीय क्वाड के साथ बैठक होगी. बाइडेन और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच काफी मजबूत संबंध रहे हैं. लिहाजा वह जनवरी में व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले इसे और बेहतर करना चाहते हैं.
जेलेंस्की के ‘विक्ट्री प्लान’ को मिलेगी मंजूरी?
बाइडेन की इस यात्रा से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वॉशिंगटन में उनसे मुलाकात की थी और रूस के खिलाफ जंग खत्म करने को लेकर एक ‘विक्ट्री प्लान’ पेश किया था. फरवरी 2022 से जारी युद्ध के दौरान रूस लगातार यूक्रेन के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है, जिसके चलते ठंड के मौसम में यूक्रेन को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. यूक्रेन के लिए कड़ाके की ठंड में जंग लड़ने के साथ-साथ नागरिकों और सैन्य कर्मियों को ठंड से बचाने का पर्याप्त इंतजाम करना मुश्किल है. इसलिए जेलेंस्की चाहते हैं कि अमेरिका और उनके अन्य सहयोगी इस मसले पर जल्द से जल्द कोई निर्णायक फैसला लें.
शोल्ज का बयान, बड़े फैसले का संकेत?
बाइडेन के दौरे से पहले अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका समेत तमाम सहयोगी किस तरह से यूक्रेन की और ज्यादा मदद कर सकते हैं यह चर्चा का विषय होगा. वहीं बुधवार को जर्मनी की संसद में शोल्ज ने कहा है कि ‘जर्मनी और अमेरिका यूक्रेन की अखंडता, संप्रभुता और लोकतंत्र को बचाने में उसके सबसे बड़े सहयोगी हैं, लेकिन अब वह समय आ गया है कि जब हम समर्थन के अलावा ऐसे कदम उठाएं जिससे इस जंग को रोका जा सके.’
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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