दुनियां – रूस बॉर्डर पर परमाणु युद्धाभ्यास करेगा NATO, क्या होने वाला है तीसरा विश्वयुद्ध? – #INA

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच एक बार फिर NATO ने परमाणु युद्धाभ्यास का ऐलान किया है. ये एक्सरसाइज रूस बॉर्डर पर नीदरलैंड और बेल्जियम में होगी. स्टीडफास्ट नून नाम का यह अभ्यास 14 अक्टूबर से शुरू होगा जो दो सप्ताह तक चलेगा.
परमाणु युद्धाभ्यास का नेतृत्व इस बार नीदरलैंड और बेल्जियम करेंगे. बताया जा रहा है कि इस युद्धाभ्यास में तकरीबन 13 देश हिस्सा लेंगे. इन देशों के 2000 से ज्यादा जवान और 60 से ज्यादा फाइटर प्लेन युद्धाभ्यास करेंगे.
तनाव के बीच बड़ा ऐलान
स्टीडफास्ट नून नाटो का वार्षिक परमाणु अभ्यास है, हालांकि दुनियाभर में तनाव के बीच इस एक्सरसाइज का ऐलान किया जाना चौंकाने वाला माना जा रहा है. इस अभ्यास में F-35A लड़ाकू विमान और B-52 बमवर्षक शामिल हैं. इस एक्सरसाइज की मेजबानी नीदरलैंड और बेल्जियम करेंगे.
ये है एक्सरसाइज का उद्देश्य
इस एक्सरसाइज का उद्देश्य नाटो की तत्परता को प्रदर्शित करना है. खासतौर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से परमाणु हमले के खतरों के बीच हो रहे इस एक्सरसाइज को तनाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है. हालांकि नाटो का तर्क है कि वह इस एक्सरसाइज के माध्यम से परमाणु निवारक क्षमताओं को मजबूत कर रहा है. नाटो के महासचिव मार्क रूटे ने के मुताबिक यह एक्सरइसाइज अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए है.
क्या होता है परमाणु युद्धाभ्यास
परमाणु युद्धाभ्यास एक तरह की एक्सरसाइज है, जिसे ये परखने के लिए किया जाता है कि किसी भी हमले का जवाब देने के लिए संबंधित देश या संगठन कितना तैयार है. इसमें वायुसेना इकाई भी शामिल होती हैं. इनके युद्धक विमान परमाणु हथियारों से लैस होते हैं जो गश्ती उड़ानें संचालित करते हैं. इससे पहले रूस ने भी पश्चिमी देशों के खतरे को देखते हुए परमाणु हथियारों के साथ युद्धाभ्यास करने का फैसला किया था.
क्या बढ़ेगा तनाव?
माना जा रहा है कि NATO के इस कदम से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है. इससे पहले भी कई बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन नाटो को चेता चुके हैं. पुतिन ये भी कह चुके हैं कि नाटो और पश्चिमी देश उस पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं. उधर NATO भी जिद पर अड़ा है. ऐसे में माना जा रहा है कि NATO के इस कदम से तनाव बढ़ सकता है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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